National News: पूर्व CJI बोबड़े ने संस्कृत को आधिकारिक भाषा बनाए जाने का किया समर्थन
Advertisement
trendingNow11548376

National News: पूर्व CJI बोबड़े ने संस्कृत को आधिकारिक भाषा बनाए जाने का किया समर्थन

AS Bobde On Sanskrit language: पूर्व चीफ जस्टिस बोबडे ने संस्कृत भाषा को लेकर कहा है कि अंग्रेजी की तरह संस्कृत भाषा को भी खास धर्म की भाषा के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए. ये भी विभिन्न राज्यों और संस्कृतियों के बीच सेतु का काम कर सकती है. 

फाइल फोटो

Former CJI On Sanskrit: पूर्व चीफ जस्टिस ए एस बोबडे ने संस्कृत को देश की आधिकारिक भाषा बनाए जाने का समर्थन किया है. जस्टिस बोबड़े ने कहा कि संस्कृत एक ऐसी धर्मनिरपेक्ष भाषा है जो देश के विभिन्न राज्यों और संस्कृतियों की संपर्क भाषा हो सकती है.

अंग्रेजी की तर्ज पर संस्कृत संपर्क भाषा भी समर्थ

जस्टिस बोबडे संस्कृत भारती द्वारा आयोजित अखिल भारतीय छात्र सम्मेलन में बोल रहे थे. इस मौके पर उन्होंने कहा कि अंग्रेजी इसलिए देश की आधिकारिक भाषा बन गई क्योंकि ब्रिटिश काल में इसे एकमात्र आधिकारिक भाषा के तौर पर घोषित किया गया. आज हर कोई अंग्रेजी बोल और समझ रहा है क्योंकि इसे किसी खास धर्म की भाषा के तौर पर नहीं देखा गया है लेकिन ऐसा ही संस्कृत के साथ भी है ये भी विभिन्न राज्यों और संस्कृतियों के बीच सेतु का काम कर सकती है. 

'डॉक्टर अंबेडकर संस्कृत के पक्ष में थे'

जस्टिस बोबडे ने कहा कि किसी नासा के वैज्ञानिक का ये कहना था कि संस्कृत कम से कम शब्दों में संवाद में समर्थ है. उन्होंने कहा कि संविधान की ड्राफ्टिंग कमेटी के चेयरपर्सन डॉक्टर भीमराव अंबेडकर पहले ऐसे शख्स थे जिन्होंने संस्कृत को देश की आधिकारिक भाषा बनाने का समर्थन किया था. डॉक्टर अंबेडकर 11 सितंबर 1949 को संविधान सभा में एक प्रस्ताव लेकर आए जिसमें देश की संवैधानिक जरूरतों के लिए संस्कृत को अधिकारिक भाषा बनाने की बात कही गई थी. इस प्रस्ताव पर प्रोफेसर नजीरउद्दीन अहमद, बालकृष्ण विश्वनाथ केसकर और दक्षयणी वेलायुधन जैसे लोगों ने हस्ताक्षर किए. इनका मानना था कि हमारी जनता अंग्रेजी में शासन को नहीं समझ पाएगी.

'संस्कृत देश की धर्मनिरपेक्ष भाषा'

जस्टिस बोबड़े ने कहा कि जब वो संस्कृत को राजभाषा के रूप में समर्थन कर रहे तो यहां उनका आशय उस संस्कृत भाषा से है, जो एक धर्मनिरपेक्ष भाषा से है. मेरी सीमित जानकारी के मुताबिक कन्नड़, उड़िया, असमिया, उर्दू और बहुत सी दूसरी भाषाओं में 60-70% शब्द संस्कृत से है.

भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - अब किसी और की ज़रूरत नहीं

Trending news