बिहार के दिग्गज नेता रघुवंश प्रसाद सिंह का निधन, AIIMS में ली अंतिम सांस
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बिहार के दिग्गज नेता रघुवंश प्रसाद सिंह का निधन, AIIMS में ली अंतिम सांस

पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह का रविवार को निधन हो गया. दिल्ली एम्स में उनका कुछ दिनों से इलाज चल रहा था. वह आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के करीबी थे. हाल ही उन्हें पार्टी से इस्तीफा दिया था, जिसे लालू ने अस्वीकार कर दिया था.   

बिहार के दिग्गज नेता रघुवंश प्रसाद सिंह का निधन, AIIMS में ली अंतिम सांस

नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह का रविवार को निधन हो गया. दिल्ली एम्स में उनका कुछ दिनों से इलाज चल रहा था. वह आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के करीबी थे. हाल ही उन्हें पार्टी से इस्तीफा दिया था, जिसे लालू ने अस्वीकार कर दिया था. आरजेडी का प्रमुख चेहरा रहे रघुवंश प्रसाद को पोस्ट कोविड केयर के लिए दिल्ली एम्स लाया गया था. हालत खराब होने के बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. आज उनका निधन हो गया. तीन दिन पहले ही उन्होंने लालू यादव को पत्र लिखकर RJD की प्राथमिक सदस्यता से इस्‍तीफा दे दिया था. 1977 से सक्रिय सियासत का हिस्सा बने रघुवंश प्रसाद, लालू प्रसाद यादव के संकटमोचक माने जाते रहे. वे लगातार चार बार वैशाली से सांसद रहे.  यूपीए की सरकार में मंत्री भी रहे. 

रघुवंश प्रसाद सिंह राजनीति में आने से पहले गणित पढ़ाते थे. बिहार यूनिवर्सिटी से उन्होंने डॉक्टरेट की डिग्री ली और साल 1969 से 1974 तक सीतामढ़ी के गोयनका कॉलेज में प्रोफेसर के तौर कार्यरत रहे. गणित के प्रोफेसर डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह नौकरी के साथ आंदोलनों में सक्रिय रहे और कई बार जेल भी गए. पहली बार 1970 में रघुवंश प्रसाद शिक्षक आंदोलन के दौरान जेल गए.

साल 1973 में  संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के आंदोलन के दौरान भी वह जेल गए. साल 1974 के जेपी आंदोलन में रघुवंश प्रसाद सिंह ने हिस्सा लिया. इस वक्त केंद्र और बिहार में कांग्रेस पार्टी सरकार थी. बिहार सरकार ने जेल में बंद रघुवंश प्रसाद सिंह को प्रोफेसर के पद से बर्खास्त कर दिया. इस बाद रघुवंश प्रसाद सिंह ने दोबारा पीछे मुड़कर नहीं देखा और राजनीति में पूरी तरह से सक्रिय हो गए.

 

पीएम मोदी ने जताया शोक
दिग्गज आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद के निधन पर दुख जताते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'रघुबंश बाबू के जाने से बिहार और देश की राजनीती में शून्य पैदा हुआ. पूरा जीवन उन्होंने संघर्ष में बिताया. जिस विचारधारा में वो पले-बढ़े, जीवनभर उन्होंने उसको निभाया. उनके भीतर एक मंथन चल रहा था. जिन आदर्शो को लेकर चले थे, उसके साथ चलना संभव नहीं रहा था. उन्होंने चिट्ठी लिखकर प्रकट भी कर दिया. उन्होंने आखरी चिट्ठी नितीश जी को लिखी जिसमे उन्होंने विकास की बात की थी.' 

लालू प्रसाद ने जताया दुख: 
आरजेडी के मुखिया लालू प्रसाद यादव ने रघुवंश प्रसाद के निधन पर अपना दुख जताया. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा: 

 

 

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