केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश की पुलिस व्यवस्था और अर्धसैनिक बलों में नई तकनीक का इस्तेमाल कर पुलिस को और स्मार्ट बनाने का एक मेगा प्लान तैयार किया है. गृह मंत्रालय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मंत्रालय ने 5 साल का एक खाका तैयार किया है.
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नई दिल्ली: पूर्वोत्तर में फैले उग्रवाद से निपटना हो या फिर आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन करना हो या फिर देश में नक्सलियों का खात्मा करना हो, इन सबसे निपटने के लिए केंद्र सरकार ने कमर कस ली है. अब सभी राज्यों के साथ मिलकर पुलिस को आधुनिक बनाने के खास प्रोजेक्ट पर काम चल है. इसमें राज्य पुलिस के साथ साथ अर्द्ध सैनिक बलों को भी आधुनिक बनाने का काम किया जाएगा. इस काम के बाद पुलिसिया सिस्टम ज्यादा मजबूत होगा और अपराधियों का बचकर निकल पाना नामुमकिन हो जाएगा.
ज़ी मीडिया को मिली जानकारी के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश की पुलिस व्यवस्था और अर्धसैनिक बलों में नई तकनीक का इस्तेमाल कर पुलिस को और स्मार्ट बनाने का एक मेगा प्लान तैयार किया है. गृह मंत्रालय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मंत्रालय ने 5 साल का एक खाका तैयार किया है. इसमें सभी अर्धसैनिक बलों और राज्यों से सुझाव मांगे गए हैं, जिसका मकसद यह है कि देश में स्मार्ट पुलिस का एक ऐसा सिस्टम तैयार हो जिसका बेहतर इस्तेमाल देश की जनता कर सके.
गृह मंत्रालय के नए प्रस्ताव के मुताबिक भविष्य में देश भर की पुलिस फोर्स को आतंकवाद, हाईजैकिंग, साइबर क्राइम जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए आधुनिक बनाने की बड़ी तैयारियां की जा रही हैं. सूत्रों ने बताया है कि इसके तहत जहां हर पुलिस फोर्स के अंदर एक स्पेशलाइज्ड यूनिट तैयार की जाएगी जो कि बेहद मॉडर्न हथियारों, कम्युनिकेशन सिस्टम और सर्विलांस गैजेट से लैस होगी.
वहीं बेहतर जांच के लिए पुलिस के जांच अधिकारियों को मॉडर्न इन्वेस्टिगेशन के टूल्स और तकनीक के बारे में सिखाया जाएगा. केंद्र सरकार के इस प्लान के मुताबिक जनता के लिए पुलिसिंग व्यवस्था और मजबूत हो, इसके लिए भी प्लान तैयार किया जा रहा है. स्मार्ट पुलिसिंग के चौथे चरण के इस प्लान में गृह मंत्रालय की ओर से मांगे गए स्मार्ट पुलिसिंग के सुझाव पर कई राज्यों और अर्धसैनिक बलों ने अपनी रिपोर्ट दे दी है. आने वाले दिनों में गृह मंत्रालय की एक हाई पावर कमेटी इस मामले के जुड़े सुझाव पर कैसे अमल किया जाए, इसको अंतिम रूप देगी. पुलिस को मॉडर्न बनाने के लिए जितनी रकम खर्च होगी उसमें केंद्र और राज्य की क्या हिस्सादारी होगी, इस पर भी गृह मंत्रालय की उच्च स्तरीय कमेटी को फैसला लेना है.
पद संभालने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब गुवाहाटी में साल 2014 में डीजीपी-आईजीपी की कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया था, उस दौरान भी पीएम मोदी ने कहा था कि वह एक ऐसा बल चाहते हैं जो कारगर तरीके से देश की कानून व्यवस्था की देखरेख कर सके. प्रधानमंत्री मोदी ने स्मार्ट पुलिसिंग की अवधारणा की वकालत करते हुए कहा था कि कारगर खुफिया नेटवर्क वाले देश को सरकार चलाने के लिए किसी हथियार और गोला बारूद की जरूरत नहीं है.
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा था कि स्मार्ट पुलिसिंग से मेरा मानना यह है, ‘स्मार्ट (S-M-A-R-T) पुलिसिंग कहें तो ‘एस’ से स्ट्रिक्ट (कठोर) लेकिन संवेदनशील, ‘एम’ से मॉर्डन यानी आधुनिक और सचल, ‘ए’ से तात्पर्य अलर्ट यानी सतर्क और जवाबदेह, ‘आर’ से तात्पर्य रिलायबल यानी विश्वसनीय और प्रतिक्रियावादी साथ ही ‘टी’ से तात्पर्य टैक्नो सेवी यानी प्रौद्योगिकी का जानकार और दक्ष है.’
इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा था कि हर राज्य में एक पुलिस एकेडमी हो जहां नए रंगरूटों को प्रशिक्षण दिया जाए और उनके कोर्स में, दायित्व निर्वाह के दौरान मारे गए पुलिसकर्मियों का जीवन वृतांतों को शामिल किया जाना अनिवार्य होना चाहिए.
प्रधानमंत्री ने इस कांफ्रेंस में कहा, ‘एक नई आधिकारिक सरकारी पुस्तक होनी चाहिए, जिसमें नई पीढ़ी के पुलिसकर्मी इन शहीदों के जीवन और बलिदान के बारे में पढ़ सकें और हर साल इसका नया अपडेटेड एडिशन लाया जाना चाहिए.'
वहीं साल 2019 में गृह मंत्री अमित शाह ने हैदराबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल नेशनल पुलिस अकैडमी में दिए अपने भाषण में कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनोमी का विजन बनाया है यह तभी हासिल हो सकता है जब देश की कानून व्यवस्था सुदृढ़ हो और हर तरफ शांति रहे. आपको बता दें कि यह तब हो सकता है जब देश की पुलिस व्यवस्था स्मार्ट हो और यही वजह है कि गृह मंत्रालय स्मार्ट पुलिसिंग का 5 ईयर प्लान तैयार कर उस को अमलीजामा पहनाने की ओर काम कर रहा है.
1. Warning System: पुलिस और अर्धसैनिक बलों के यूनिफॉर्म प्रोटेक्शन गियर में बदलाव किये जायेंगे. हर जवान के पास उसकी यूनिफार्म में वार्निंग सेंसर लगे होंगे जिसमें हेल्थ पैरामीटर को जानने और लैंडमाइन डिटेक्शन सेंसर होंगे.
2. Communication System: हर स्मार्ट कॉप से जुड़े जवान ग्रुप रेडियो से जुड़े होंगे जिससे इन जवानों का बेहतर कम्युनिकेशन होता रहे.
3. Bulletproof Jacket: हर स्मार्ट कॉप को 5th जेनेरेशन की बुलेट प्रूफ जैकेट मुहैया कराई जाएगी. जिसकी खासियत ये होगी कि गर्दन और कंधे के प्रोटेक्शन के साथ-साथ वजन में काफ़ी हल्के होगी.
4. Helmets: इन जवानों के हेलमेट पहले के मुकाबले आधुनिक और हल्के होंगे, इसके साथ ही हेलमेट पर नाइट विजन लगे होंगे जिससे रात में भी ऑपरेशन किया जा सके.
5. Shoes: स्मार्ट कॉप के शूज़ पहले के मुकाबले हल्के और आरामदायक होंगे जिससे जवान इनको लंबे वक्त तक पहन सकें.
6.Assault Rifle: एसॉल्ट राइफल यानी हथियारों में बदलाव लाया जाएगा और जवानों को मॉडर्न एसॉल्ट राइफल मुहैया कराई जाएंगी.
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