Atiq Ahmed Murder Case: अतीक और अशरफ की हत्या करने वाले आरोपियों के नाम हैं- सन्नी सिंह, अरुण मौर्य, लवलेश तिवारी. इन तीनों को कड़ी सुरक्षा के बीच प्रयागराज की नैनी जेल से प्रतापगढ़ जेल में शिफ्ट किया गया है. दरअसल नैनी जेल में अतीक अहमद का बेटा अली भी बंद है. इसी के चलते यह कदम उठाया गया है.
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Atiq Ahmed Son News: प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को मौत के घाट उतारने वाले तीनों आरोपियों को सुरक्षा कारणों से दूसरी जेल में शिफ्ट कर दिया गया है. अतीक और अशरफ की हत्या करने वाले आरोपियों के नाम हैं- सन्नी सिंह, अरुण मौर्य, लवलेश तिवारी. इन तीनों को कड़ी सुरक्षा के बीच प्रयागराज की नैनी जेल से प्रतापगढ़ जेल में शिफ्ट किया गया है. दरअसल नैनी जेल में अतीक अहमद का बेटा अली भी बंद है. इसी के चलते यह कदम उठाया गया है. पुलिस के मुताबिक, इन तीनों हमलावरों का आपराधिक रिकॉर्ड रहा है. ये तीनों पत्रकार बनकर मीडियाकर्मियों के ग्रुप में शामिल हो गए, जब अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ प्रयागराज में पत्रकारों से बात कर रहा था, तब उन्होंने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी. आरोपियों के परिवारों ने कहा है कि उनका उनसे कोई लेना-देना नहीं है.
पुलिस अधिकारियों ने बताया था कि हमलावरों में से एक लवलेश तिवारी पहले भी जेल जा चुका है. उसके पिता ने मीडिया को बताया था कि परिवार का उससे कोई लेना-देना नहीं है. उनके मुताबिक, लवलेश कई बार घर आता था और पांच-छह दिन पहले भी बांदा में था.
लवलेश तिवारी के पिता यज्ञ तिवारी ने कहा था, वह मेरा बेटा है. हमने टीवी पर घटना देखी. हमें लवलेश की हरकतों की जानकारी नहीं है और न ही इससे हमारा कोई लेना-देना है. वह कभी यहां नहीं रहता था और न ही वह हमारे पारिवारिक मामलों में शामिल था. उसने हमें कुछ नहीं बताया. वह पांच-छह दिन पहले यहां आया था. हम सालों से उसके साथ बात नहीं कर रहे हैं. उसके खिलाफ पहले से ही मामला दर्ज है. उस मामले में उन्हें जेल हुई थी.
सन्नी पर दर्ज हैं 14 मामले
वहीं कासगंज के रहने वाले सन्नी के खिलाफ 14 मामले दर्ज हैं और वह हिस्ट्रीशीटर घोषित होने के बाद से फरार चल रहा है. उनके पिता की मौत हो गई थी और उन्होंने पैतृक संपत्ति में अपना हिस्सा बेचकर घर छोड़ दिया था. सनी पांच साल से अपने परिवार, अपनी मां और भाई से मिलने नहीं गया. उसका भाई चाय की दुकान चलाता है. शूटर सनी सिंह के भाई पिंटू सिंह ने कहा, वह इधर-उधर घूमता था और कोई काम नहीं करता था. हम अलग रहते हैं और नहीं जानते कि वह अपराधी कैसे बन गया. हमें इस घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
अरुण ने बचपन में छोड़ा था घर
तीसरा शूटर हमीरपुर का रहने वाला अरुण मौर्य बचपन में ही घर छोड़कर चला गया था. सूत्रों ने कहा कि उसका नाम 2010 में ट्रेन में एक पुलिसकर्मी की हत्या के मामले में सामने आया था. वह दिल्ली में एक फैक्ट्री में काम करता था. आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह कुख्यात अपराधी बनना चाहता था, इसलिए उन्होंने अतीक की हत्या की, हालांकि पुलिस अभी तक उनके कबूलनामे पर विश्वास नहीं कर रही है. पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि तीनों आरोपियों को इतने महंगे हथियार किसने दिए, जिसका इस्तेमाल हत्या में किया गया. इसके अलावा, तीनों निशानेबाजी में बहुत अच्छी तरह से ट्रेंड दिखाई पड़ते हैं जो शौकिया तौर पर संभव नहीं है.
(इनपुट-IANS)
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