EXCLUSIVE: गुलाम नबी आजाद का कांग्रेस पर वार! बताया किसकी वजह से छोड़नी पड़ी पार्टी?
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EXCLUSIVE: गुलाम नबी आजाद का कांग्रेस पर वार! बताया किसकी वजह से छोड़नी पड़ी पार्टी?

Ghulam nabi Azad Interview: गुलाम नबी आजाद (Ghulam nabi Azad) कांग्रेस (Congress) पर जमकर बरसे. आजाद ने कहा कि जो भी पार्टी में सुधार की बात करता है उसे प्रो मोदी कह दिया जाता है.

EXCLUSIVE: गुलाम नबी आजाद का कांग्रेस पर वार! बताया किसकी वजह से छोड़नी पड़ी पार्टी?

Ghulam nabi Azad Exclusive Interview: पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam nabi Azad) ने ज़ी न्यूज़ को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू (Exclusive Interview) में कांग्रेस (Congress) पर निशाना साधा है. गुलाम नबी आजाद ने ये भी बताया कि उन्होंने किसकी वजह से कांग्रेस पार्टी छोड़ दी. गुलाम नबी आजाद ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि इंदिरा-राजीव का 50वां हिस्सा भी होते तो कामयाब होते. राहुल गांधी संसद सदस्यता जाने पर आजाद ने कहा कि अध्यादेश फाड़े जाने से तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नाराज थे. अगर कानून रहता तो राहुल की सदस्यता बची रहती. मनमोहन सिंह को राहुल गांधी के सामने झुकना नहीं चाहिए था. मनमोहन सिंह के समय की कैबिनेट कमजोर थी. मनमोहन सिंह की कैबिनेट को फैसले पर बने रहना था. जब आप कांग्रेस में होते हैं तो रीढ़विहीन होते हैं. मैंने राहुल गांधी की वजह से कांग्रेस छोड़ी थी. आइए जानते हैं कि गुलाम नबी आजाद ने और क्या-क्या कहा?

कांग्रेस को है बीजेपी का फोबिया

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कांग्रेस को बीजेपी का फोबिया है. अगर कोई कांग्रेस को ठीक करना चाहता है, सुधार करना चाहता है तो उसको कहने लगते हैं कि यह प्रो मोदी है. फिर ऐसे कैसे कांग्रेस को ठीक करेंगे. आने वाला साल काफी अहम है. 70 साल में ये पहली बार होगा, जब जम्मू-कश्मीर में यूटी के तौर पर चुनाव होंगे. इसके अलावा भी कई राज्यों में चुनाव है. इसके अलावा लोकसभा चुनाव भी सबसे अहम है.

साफ दिल के हैं राहुल गांधी पर...

पूर्व कांग्रेस नेता आजाद ने कहा कि राहुल गांधी बहुत साफ दिल वाले हैं, लेकिन साफ दिल होना और अच्छा राजनीतिज्ञ होना दोनों अलग बाते हैं. राजनीति सबको साथ लेकर चलने वाली चीज उनमें नहीं है. हमारी पूरी सहानुभूति कांग्रेस के साथ है. और ये कहना भी गलत होगा कि सब लोग कांग्रेस मुक्त भारत चाहते हैं. कांग्रेस कहती है कि पावर में आएंगे, लेकिन कहने से तो कुछ नहीं होता, खून-पसीना बहाना पड़ता है.

कांग्रेस पर आजाद का वार

आजाद ने आगे कहा कि कांग्रेस लीडरशिप खुद नहीं चाहती है कि कांग्रेस जिंदा रहे. मैं 7 साल तक विपक्ष का नेता रहा. मैं बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं और क्षेत्रीय पार्टियों के नेताओं से मिला. उन सभी का मानना है कि कांग्रेस को नेशनल लेवल की पॉलिटिक्स में बने रहना चाहिए. सभी लोग कांग्रेस मुक्त भारत नहीं चाहते हैं.

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हमें बीजेपी का एजेंट बताया गया. किताब में मैंने सब लिख दिया है. बड़े-बड़े लीडर के साथ विवाद हुए निपटा लिए जाते थे. राहुल गांधी दिल के अच्छे हैं लेकिन जो सोचते हैं वह ही सही है इस पर सोचना होगा. राहुल का मानना है कि जो वो कहते हैं वही सही है. सियासत में सबको साथ लेकर चलने की जरूरत है. मैंने बुक राहुल पर नहीं लिखी है. 30 फीसदी बातें तो अभी भी किताब में नहीं लिखी हैं.

आजाद ने कहा कि कांग्रेस के लिए जिंदगी देने वालों पर निशाना साधा गया. कांग्रेस एक दिन में खत्म नहीं हुई है. कांग्रेस के नेताओं को बहुत समय लगा है. कांग्रेस में जिम्मेदार लोग नहीं हैं. कांग्रेस के नेता टीवी पर आकर खुश हो जाते हैं. राहुल के लिए राजनीति 24 मिनट की है 24x7 की नहीं. मैं तो राजनीति में कहता हूं कि राजनीति 24x7 होनी चाहिए.

उन्होंने आगे कहा कि कश्मीर में भी फ्री एंड फेयर इलेक्शन होना चाहिए. इन 4 साल में लोगों को बड़ी तकलीफें हुईं. कश्मीर में टूरिज्म खत्म हो गया. जम्मू में ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री खत्म हो गई. आज भी हमारे ज्यादा रिसोर्स नहीं हैं. बाहर वाले ठेकेदार हैं. ट्रक वाला बाहर का, ट्रैक्टर वाला बाहर का तो कश्मीर वाले कहां जाएंगे. प्रियंका गांधी मेरी बेटी जैसी हैं. जम्मू-कश्मीर को हैंड होल्डिंग की जरूरत है. 370 को पहले भी डिफेंड किया था. मेरी जो सोच 4 साल पहले थे आज भी है. 370 बदलना गलत था. पहले का 370 अलग था. आज का 370 अलग था.

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आज की सरकार को ये बात समझ नहीं आई. स्टोन पेल्टिंग खत्म हुई, मिलिटेंसी खत्म हुई है सही बात है. लेकिन बेरोजगारी भी तो बढ़ गई. वहां सारी ऐजेंसियां लगा दीं सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स. सेंटिमेंट को समझना होगा. सेंटिंमेंट को आप निकाल नहीं सकते. लेकिन हटाने वालों को सोचना होगा कि क्यों हटाया. इतने इलेक्शन हुए, 370 पर किसने आपको वोट दिया. हिमाचल हारे, बंगाल हारे, पंजाब क्यों बीजेपी हारी. बीजेपी को लाभ नहीं इससे नुकसान हुआ.

उन्होंने कहा कि 2024 के लिए विपक्ष को एक होना चाहिए लेकिन मुझे दिखता नहीं है कि ऐसा हो पाएगा. कांग्रेस के 0 एमएलए हैं बंगाल में तो गठबंधन से क्या होगा. यूपी में अखिलेश के साथ जाने से क्या होगा कांग्रेस का. दिल्ली देख लीजिए. पंजाब देख लीजिए. दोनों के पास एक-दूसरे को देने के लिए कुछ है ही नहीं. Give & Take की बात होती है. पोस्ट इलेक्शन ये सब देखा जाता है, लेकिन अभी किसी के पास क्या है. राजनीति में कब क्या होता है अनप्रेडिक्टेबल होता है. इमरजेंसी मे उल्टा स्वीप हुआ. शाइनिंग इंडिया उल्टा हो गया. 2014 में उल्टा हो गया. 365 दिन वो चुनाव के मोड होते हैं और कांग्रेस एनाउंस होने के बाद होती है.

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