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नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने मंगलवार को राज्य सभा में अपने कार्यकाल के आखिरी दिन कहा कि मुझे हिंदुस्तानी मुसलमान होने पर गर्व है. राज्य सभा में बोलते हुए गुलाम नबी आजाद भावुक हो गए. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) भी गुलाम नबी आजाद के विदाई भाषण में भावुक हो गए थे.
गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'मैं उन खुशकिस्मत लोगों में से हूं जो पाकिस्तान कभी नहीं गया, लेकिन जब मैं पढ़ता हूं कि पाकिस्तान के अंदर कैसे हालात हैं तो मुझे हिंदुस्तानी मुस्लमान होने पर गर्व है. इस देश के मुस्लमान सबसे ज्यादा खुशनसीब हैं.'
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गुलाम नबी आजाद ने अपने संबोधन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद किया. उन्होंने कहा, 'मुझे अवसर मिला मंत्री के रूप में इंदिरा जी और राजीव जी के साथ काम करने का मौका मिला. सोनिया जी और राहुल जी के समय पार्टी को रिप्रेजेंट करने का भी मौका मिला. हमारी माइनॉरिटी की सरकार थी और अटल जी विपक्ष के नेता थे, उनके कार्यकाल में हाउस चलना सबसे आसान रहा. कई मसलों का समाधान करना कैसे आसान होता है, ये अटल जी से सीखा था.'
गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'सच बताएं सर, मेरे माता-पिता की जब मृत्यु हुई तो मेरे आंखों से आंसू निकले, लेकिन मैं चिल्लाया नहीं. जब मैं चिल्लाया वह थी संजय गांधी की मौत, इंदिरा गांधी की मौत और राजीव गांधी की मौत और चौथी थी जब साल 1999 में उड़ीसा में सुनामी आई थी.' गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पांचवीं बार मैं चिल्लाकर तब रोया जब गुजरात के यात्रियों पर कश्मीर में आतंकी हमला हुआ था.
इससे पहले गुलाम नबी आजाद समेत चार सांसदों की विदाई भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) भी भावुक हो गए थे. बता दें कि गुलाम नबी आजाद, शमशेर सिंह, मीर मोहम्मद फैयाज और नादिर अहमद का राज्य सभा में कार्यकाल पूरा हो रहा है. संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, 'गुलाम नबी जी जब मुख्यमंत्री थे, तो मैं भी एक राज्य का मुख्यमंत्री था. हमारी बहुत गहरी निकटता रही. एक बार गुजरात के कुछ यात्रियों पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया, 8 लोग उसमें मारे गए. सबसे पहले गुलाम नबी जी का मुझे फोन आया और उनके आंसू रुक नहीं रहे थे.'