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India wind Energy Production: संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) द्वारा जारी Energy Gap Report 2021 के अनुसार, इस सदी के अंत तक पृथ्वी 2.7 डिग्री और गर्म हो जाएगी. पेरिस (Paris) में हुए पर्यावरण समझौते (environmental agreement) के तहत दुनिया को इस गर्मी को 1.5 डिग्री तक ही सीमित रखना है. इस महत्वकाक्षीं लक्ष्य को पाने के लिए अगले 8 सालों में दुनिया को ग्रीन हाउस गैसों (Green house gas) का उत्सर्जन आधा करना होगा. इसके लिए पवन ऊर्जा (Wind Energy) पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन भारत इस लक्ष्य को पाने से अभी दूर है.
विश्व में पवन ऊर्जा
पिछले 7 सालों में पूरी दुनिया में पवन उर्जा की हिस्सेदारी दोगुनी हो गई है, मगर अब भी नाकाफी है. साल 2015 में पवन उर्जा का उत्पादन कुल उर्जा का 3.5 प्रतिशत था, जो कि साल 2021 तक आते-आते 7% हो गया है.
भारत में पवन ऊर्जा
पवन उर्जा क्षमता के मामले में भारत दुनिया में चौथे नंबर पर आता है. भारत के पास 40 GW (40000 MW) की कुल पवन उर्जा पैदा करने की क्षमता है. भारत की कुल विद्युत उर्जा उत्पादन क्षमता 400 GW की है. इस तरह भारत के पास पवन उर्जा क्षमता कुल विद्युत उत्पादन (india power generation) क्षमता का 10 प्रतिशत है, जो दुनिया (7%) की औसत से 3 प्रतिशत बेहतर है.
पवन उर्जा उत्पादन के लक्ष्य से पीछे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने ग्लासगो में अंतिम जलवायु शिखर सम्मेलन (climate summit) में 2022 तक भारत के पवन ऊर्जा लक्ष्यों को 60GW और 2030 तक 140GW करने की घोषणा की थी. सरकारी आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल 2022 तक, भारत केवल 40.5GW का पवन उर्जा का उत्पादन कर पाया है. ग्लोबल विंड रिपोर्ट ने आशंका जताई है कि भारत अपने पवन उर्जा उत्पादन के साल 2022 के लक्ष्य से 10 GW तक पीछे रह सकता है.
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पवन उर्जा उत्पादन में नहीं अपेक्षित बढ़ोतरी
कोविड 19 महामारी (covid 19 pandemic) और बाजार की चुनौतियों के कारण, भारत का पवन उर्जा उद्योग प्रभावित हुआ है. 2019-20 से 2020-201 के बीच भारत ने 2.49% की गिरावट दर्ज की गई. विश्व स्तर पर, भारत स्थापित पवन क्षमता (40.52GW ) में चौथे स्थान पर है. यह 2021 में नए प्लांट स्थापित करने के मामले में दुनिया के शीर्ष पांच देशों में जगह नहीं बना पाया. ग्लोबल विंड रिपोर्ट 2022 (Global Wind Report 2022) के अनुसार, चीन (China) वैश्विक स्तर पर नई स्थापित क्षमता का 80% से अधिक उत्पादन करके सूची में सबसे ऊपर है. रिपोर्ट में यह भी भविष्यवाणी की गई है कि भारत के भरपूर प्रयासों के बावजूद वो अगले 5 सालों में 20GW से कम पवन उर्जा क्षमता ही जोड़ पाएगा.
दो राज्यों से देश की आधी पवन उर्जा
भारत में ऊर्जा उत्पादन की कुल स्थापित क्षमता का 10.1% पवन उर्जा का है. जिसमें से करीब आधा दो राज्यों से तमिलनाडू (Tamil Nadu) और गुजरात (Gujarat) से ही आता है. इसके बाद कर्नाटक, महाराष्ट्र और राजस्थान का स्थान है.
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