त्रों के अनुसार संसद का मॉनसून सत्र 15 अगस्त के बाद शुरू होने की संभावना है.
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नई दिल्ली: भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर संसद के मानसून सत्र (Monsoon Session 2020) में चर्चा करने के लिए सरकार तैयार है. सत्र के दौरान चीनी मुद्दे के अलावा कोरोना वायरस पर भी विस्तार से चर्चा की जानें की उम्मीद है. सूत्रों के अनुसार संसद का मानसून सत्र 15 अगस्त के बाद शुरू होने की संभावना है.
सूत्रों के अनुसार संसद के आगामी मानसून सत्र में गलवान में चीन के साथ हुई झड़प और विपक्ष के आरोपों का जवाब देने की तैयारी सरकार कर रही है. बताते चलें कि इस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस सवाल का भी जवाब देने की तैयारी की जा रही है जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'सरेंडर मोदी' कहा था.
सरकार के जवाब में कई मुद्दे होंगे. इसमें तिब्बत में चीन के सामने सरेंडर का मुद्दा, अक्साई चीन में लगभग 40000 वर्ग किलोमीटर जमीन चीन को सरेंडर करने का मुद्दा, UPA शासन काल में सैकड़ों वर्ग किलोमीटर जमीन सरेंडर करने का मुद्दा और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ एमओयू साइन कर सरेंडर करने का मुद्दा शामिल होगा. यानी आजादी के बाद से 2014 तक, कैसे कांग्रेस पार्टी और उसकी सरकारो ने चीन के सामने सरेंडर किया, ये सब सरकार के तरकश में होगा.
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विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो इस मुद्दे पर संभावित बहस का जवाब सरकार के शीर्ष स्तर से दिया जायेगा. संसद का ये मानसून सत्र पिछले सत्र की तरह ही लंबा होगा. जानकारों के अनुसार ये लगभग एक महीने का भी हो सकता है. हालांकि संविधान के अनुसार संसद के दो सत्रों के बीच 6 महीनों से ज्यादा का अंतराल नहीं हो सकता.
ऐसे में संसदीय नियमोंं के अनुसार संसद का मानसून सत्र 23 सितम्बर तक स्थगित हो जाना चाहिए. इस मानसून सत्र में सरकार को 11 अध्यादेशों को भी संसद के दोनों सदनों से पास करना जरूरी है. साथ ही कोरोना का देखते हुए SNSDBK के उस सत्र में सामाजिक दूरी का पूरी तरह से पालन किया जाएगा. सांसदों को सदन के अलावा प्रेस गैलरी को छोड़कर अन्य सभी गैलरियों में बैठाया जाएगा.
लोकसभा में राज्यसभा सांसदो की गैलरी, लोकसभा स्पीकर गैलरी, विजीटर गैलरी का उपयोग भी सांसदो के बैठने के लिए किया जायेगा. इसी प्रकार की व्यवस्था राज्य सभा में भी की जाएगी. यानी संसद के आगामी मानसून सत्र में चीन को लेकर प्रधानमंत्री ने जो देश को भरोसा और प्रण लिया था, उसको सबूतों के साथ सही ठहराने और राहुल गांधी और कांग्रेस को शीशे में उतारने की पूरी तैयारी की जा रही है.
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