Greta Thunberg ने किसान आंदोलन पर फिर किया ट्वीट, अब जारी किया अपडेटेड टूलकिट डॉक्यूमेंट
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Greta Thunberg ने किसान आंदोलन पर फिर किया ट्वीट, अब जारी किया अपडेटेड टूलकिट डॉक्यूमेंट

पुराना टूलकिट डिलीट करने के बाद ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) ने फिर नया प्लान ट्वीट किया है और नए टूलकिट से 26 जनवरी को भारत समेत विदेशों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन का प्लान हटा दिया है.

ग्रेटा थनबर्ग (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: भारत में कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के खिलाफ चल रहे किसानों के प्रदर्शन (Farmers Protest) को लेकर पर्यावरण औक जलवायु परिवर्तन की दिशा में काम करने वालीं ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) ने एक बार फिर ट्वीट किया है और अपडेटेड प्लान जारी किया है. नए टूलकिट में ग्रेटा ने 26 जनवरी को विदेशों और भारत में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन का प्लान हटा दिया है.

  1. ग्रेटा थनबर्ग ने एक बार फिर ट्वीट कर अपडेटेड प्लान जारी किया
  2. ग्रेटा ने गलती से शेयर कर दिया था एक्शन प्लान
  3. पुराने प्लान में 5 चरणों में दबाव बनाने की बात कही गई थी

गलती से शेयर कर दिया था एक्शन प्लान

पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) ने किसानों के प्रदर्शन (Farmers Protest) के समर्थन में ट्वीट किया था और लिखा था, 'हम भारत में किसानों के आंदोलन के प्रति एकजुट हैं.' इसके साथ ही उन्होंने दूसरे ट्वीट में एक डॉक्यूमेंट शेयर किया, जिसमें भारत सरकार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने की कार्ययोजना साझा की गई थी और पांच चरणों में दबाव बनाने की बात कही गई. हालांकि बात में उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया. (ग्रेटा के पुराने डॉक्यूमेंट में क्या था- पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

ग्रेटा ने शेयर किया अपडेटेड टूलकिट

पुराना ट्वीट डिलीट करने के बाद ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) ने एक नया ट्वीट किया है और अपडेटेड टूलकिट शेयर किया है. नए टूलकिट में कई बदलाव किए गए हैं और 26 जनवरी को भारत समेत विदेशों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन का प्लान हटा दिया गया है. नए ट्वीट में ग्रेटा ने लिखा, 'यदि आप मदद करना चाहते हैं, तो यह अपडेटेड टूलकिट है. अपना पिछला डॉक्यूमेंट हटा दिया, क्योंकि यह पुराना था.'

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ग्रेटा (Greta Thunberg) ने अर्जेंट एक्शन के लिए कही 3 बातें

1. भारतीय किसानों को अपना समर्थन दें और इसमें हैशटैग #FarmersProtest #StandWithFarmers का उपयोग करें.
2. अपने किसी भी सरकार के प्रतिनिधि को कॉल / ईमेल करें और उनसे कार्रवाई करने के लिए कहें. इसके साथ ही ऑनलाइन याचिकाओं पर हस्ताक्षर करें.
3. अपने निकटतम भारतीय दूतावास, मीडिया हाउस या अपने स्थानीय सरकार के कार्यालय के पास 13/14 फरवरी को प्रदर्शन करें. इसके साथ ही सोशल मीडिया पर हैशटैग #FarmersProtest #StandWithFarmers का उपयोग कर फोटोज शेयर करें.

ग्रेटा के टूलकिट में ये 7 प्लान भी शामिल

1. सोशल मीडिया पर एकजुटता दिखाते हुए हैशटैग #FarmersProtest और #StandWithFarmers के साथ फोटो और वीडियो संदेश शेयर करें.
2. डिजिटल स्ट्राइक: #AskIndiaWhy वीडियो / फोटो संदेश
3. ट्वीट करना जारी रखें: अपने ट्वीट में @PMOIndia और @nstomar (कृषि और किसान कल्याण मंत्री) को बेझिझक टैग करें. इसके अलावा अपने देश के राष्ट्राध्यक्षों और अन्य लोगों जैसे- आईएमएफ, डब्ल्यूटीओ, एफएओ, विश्व बैंक को टैग करें.
4. मुद्दे के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहां पढ़ें- https://ruralindiaonline.org/en/stories/categories/farming-and-its-crisis/
5. फिजिकल एक्शन: भारतीय दूतावासों, सरकारी कार्यालय और मीडिया हाउस
6. किसानों के मार्च / परेड के लिए दिल्ली की सीमाओं पर जाएं (या शामिल हों).
7. अपने किसी भी सरकार के प्रतिनिधि को कॉल / ईमेल करें और उन्हें कार्रवाई करने के लिए कहें. इसके अलावा ऑनलाइन याचिकाओं पर हस्ताक्षर करें.

71 दिनों से जारी है किसानों का प्रदर्शन

नए कृषि कानूनों (New Agriculture Laws) के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) पिछले 71 दिनों से जारी है और किसान लगातार तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी दी जाए और तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द किया जाए.

26 जनवरी को प्रदर्शनकारियों ने जमकर मचाया था उत्पात

बता दें कि गणतंत्र दिवस (Republic Day 2021) के दिन आंदोलनकारी किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान बड़ी संख्या में उग्र प्रदर्शनकारी बैरियर तोड़ते हुए लाल क़िले तक पहुंच गए और उसकी प्राचीर पर उस स्तंभ पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया, जहां 15 अगस्त को प्रधानमंत्री भारत का तिरंगा फहराते हैं. लाल क़िले में घुसे प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया और टिकट काउंटर के अलावा कई स्थानों पर तोड़फोड़ की. पुलिस ने रात करीब साढ़े 10 बजे तक प्रदर्शनकारियों से लाल क़िला को खाली कराया और धार्मिक झंडे को भी हटा दिया. हजारों प्रदर्शनकारी दिल्ली के आईटीओ समेत कई स्थानों पर पुलिस से भिड़े, जिससे दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई थी.

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