Trending Photos
Gyanvapi Masjid Survey: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद बीते एक पखवाड़े से सुर्खियों में छाई हुई है. हिन्दू-मुस्लिम के अलग-अलग दावों के बीच मस्जिद का सर्वे कराया गया. दोनों ही सर्वे की रिपोर्ट लीक होने पर कई बड़े खुलासे हुए हैं. दूसरी सर्वे रिपोर्ट लीक होने के बाद मस्जिद परिसर में काले पत्थर और त्रिशूल-डमरू होने के प्रमाण का दावा किया जा रहा है. इन सभी दावों और ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने ज़ी न्यूज से खास बातचीत की है.
उमा भारती ने कहा कि वहां शुरू से मंदिर था. वहां मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई. जब 1991 में पूजा स्थल अधिनियम 1991 संसद में पेश किया गया था तब मैं उस मामले में प्रमुख वक्ता थी. मैंने विरोध किया था कि सिर्फ राम मंदिर मामले को ही नहीं बल्कि काशी के ज्ञानवापी और मथुरा के मस्जिद विवाद का एक साथ रास्ता निकालना चाहिए.
'जो आंखों से दिख रहा है उसे साबित करने की क्या जरूरत'...ज्ञानवापी विवाद पर @ZeeNews से उमा भारती ने क्या कहा सुनिए, ओवैसी पर भी बोलीं भाजपा नेता @umasribharti #Gyanvapi @Payodhi_Shashi
अन्य Videos यहां देखें - https://t.co/ZoADfwBf2S pic.twitter.com/3O8IGOecgC
— Zee News (@ZeeNews) May 19, 2022
उनहोंने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद की जगह मंदिर था, यही कारण है कि आज भी विश्वनाथ मंदिर में नंदी का मुंह ज्ञानवापी मस्जिद की तरफ है. मंदिर निर्माण का शांतिपूर्ण तरीके से रास्ता निकलना चाहिए. अयोध्या, मथुरा, काशी का एक साथ निदान होना चाहिए था.
ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे पर ओवैसी के बयानों पर जब सवाल पूछा गया तो उमा भारती ने कहा कि ओवैसी साहब की राजनीति नकारात्मकता की राजनीति है. वो नहीं चाहते हैं कि भारत में मुसलमान शांति और सद्भावना के साथ रहें. वो हमेशा से बांटने की राजनीति करते रहे हैं. ज्ञानवापी मस्जिद में प्रमाण सामने है, यहां कुछ भी ज्यादा प्रमाणित करने की जरूरत नहीं है.
LIVE TV