दिल्ली, यूपी में ओले गिरते हैं लेकिन बर्फबारी नहीं होती, जानें इसके पीछे का विज्ञान
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दिल्ली, यूपी में ओले गिरते हैं लेकिन बर्फबारी नहीं होती, जानें इसके पीछे का विज्ञान

आखिर इसकी क्या वजह है कि मैदानी इलाकों में बर्फ तो गिरती है, लेकिन वो बर्फबारी के रुप में नहीं, बल्कि ओलावृष्टि (Hailstrom) के रुप में. जबकि पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी होती है. आइए बताते हैं इसके पीछे का विज्ञान.

 

प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली: देश के कई शहर बर्फबारी के लिए जाने जाते हैं. हिमाचल, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर के कई इलाकों में सर्दियों के मौसम में बर्फबारी होती है. कई पर्यटक भी इसका आनंद लेने के लिए इन इलाकों में जाते हैं. लेकिन दूसरी ओर यूपी, पंजाब, राजस्थान और दिल्ली जैसे राज्यों में कई बार बारिश के साथ ओले भी गिरते हैं. ओले भी बर्फ के टुकड़े होते हैं. कभी आपने सोचा है कि आखिर इसकी क्या वजह है कि मैदानी इलाकों में बर्फ तो गिरती है, लेकिन वो बर्फबारी के रुप में नहीं, बल्कि ओलावृष्टि (Hailstrom) के रुप में. आइए बताते हैं इसके पीछे का विज्ञान.

  1. पहाड़ी इलाकों में होती है बर्फबारी
  2. मैदानी इलाकों में ओलों के रूप में गिरती है बर्फ
  3. जानिए इसके पीछे की विज्ञान क्या कहती है

कैसे बनती है बर्फ?

बात बर्फ की हो रही है, इसलिए हम ध्यान इसी पर रखेंगे. आप जानते हैं कि पानी तीन अवस्थाओं में मौजूद रह सकता है- ठोस, द्रव और गैस. गैस यानी वाष्प, द्रव यानी वो पानी जो हम-आप देखते हैं और ठोस यानी बर्फ. अब जरा बारिश होने की प्रक्रिया को याद कीजिए जो आपने स्कूल में पढ़ी होगी. याद करें कि कैसे हमारे आसपास से लगातार पानी वाष्पीकृत होता रहता है. सूरज की गर्मी के कारण वाष्पीकरण की यह रफ्तार बढ़ती है और विभिन्न जगहों से द्रव के रूप में मौजूद पानी भाप बनकर गैस की अवस्था में बदल जाता है.

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बारिश होने की ये है वजह

तो ये भाप हल्का होने के कारण वायुमंडल में ऊपर उठता चलता है. ऊपर ये पानी के महीन कण इकट्ठे होते हैं तो बादलों का रूप ले लेते हैं. आपको यह भी मालूम होगा कि जैसे-जैसे हम वायुमंडल में ऊपर जाते हैं, तापमान में गिरावट आती चलती है. तापमान कम होने के कारण पानी की महीन बूंदें संघनित होने लगती हैं यानी गैस की अवस्था से द्रव में बदलने लगती हैं. तो फिर भारी होकर पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के कारण ये बूंदों के रूप में गिरने लगती हैं तो नीचे बारिश होने लगती है.

पहाड़ी इलाकों में होती है बर्फबारी

जब हवा के दबाव कारण वायुमंडल का एक हिस्सा पर्वतों या ऊंची उठी जगह से टकराता है तो हवा ऊपर की ओर उठती है. जब हवा ऊपर उठती है तो नमी अलग हो जाती है और नीचे शुष्क और गर्म हवा रह जाती है. ऊपर की ओर उठी हवा का तापमान ऊंचाई के साथ कम होता जाता है. इससे एडीअबैटिक कूलिंग होती है. नतीजा यह रहता है कि ऊपर कम तापमान के कारण इन इलाकों में बर्फबारी होती है.

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तेज हवाओं के साथ गिरते हैं ओले

अब जानिए कि ओले कैसे गिरते हैं? आपको बता दें कि जब वायुमंडल में तापमान काफी कम हो जाता है, तो ये पानी क्रिस्टल यानी बर्फ बन जाता है. जमे हुए पानी के टुकड़े होते हैं जिनका निर्माण चमकते-गरजते तूफानी बादलों में होता है. बर्फ, स्लीट, फ्रीज़िंग रेन और ग्रॉपल तो सर्दियों में बनते हैं मगर ओले गर्म वातावरण में भी बन जाते हैं. ये बर्फ के टुकड़े तेज हवाओं के साथ जमीन पर गिरते हैं. यही वजह है कि ओले ज्यादातर तूफान या तेज आंधी में गिरते हैं.

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