Haldwani Conspiracy: हल्द्वानी को 5 सुपर जोन में बांटा गया है, जिसकी निगरानी मजिस्ट्रेट को सौंपी गई है. उन्हें प्रशासन के दिशानिर्देश में काम करने के आदेश दिए गए हैं. इसके अलावा एडीजी लॉ एंड ऑर्डर को हल्द्वानी में कैंप करने और जांच की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
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Haldwani Violence Abdul Malik: हल्द्वानी में हिंसा की आग भड़काने वाले चेहरे कौन-कौन से थे? किन किन लोगों ने मिलकर देवभूमि उत्तराखंड के अमन चैन में आग लगा दी.उन चेहरों को बेनकाब करने में जुटी पुलिस की जांच अब 6 लड़कों पर ईर्द गिर्द घूम रही है. हिंसा भड़काने के गुनहगार इन 6 लड़कों पर पेट्रोल बम बनाने, उससे हमला करने और आगजनी के संगीन आरोप हैं. उन्हें धर दबोचने के लिए पुलिस की टीम तमाम सीसीटीवी फुटेज को खंगाल रही है. साथ ही गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर भी उनका पता लगाया जा रहा है.
तीन इलाकों में हुआ बवाल
अतिक्रमण हटाने के दौरान हल्द्वानी के तीन इलाके में बवाल हुआ. पहली जगह थी मलिक का बगीचा, दूसरी जगह गांधीनगर का इलाका और तीसरी जगह थी बनभूलपुरा थाना. बताया जा है कि तीनों जगह बेशक भीड़ अलग अलग थी, लेकिन साज़िश की कड़ियां एक थी. लेकिन बनभूलपुरा थाने के पास हुई हिंसा की जांच में जो तथ्य छनकर सामने आया है, उससे जांच एजेंसियां सकते में हैं.
सूत्रों के मुताबिक जांच में पेट्रोल बम वाली साजिश का खुलासा हुआ है. इस साजिश के तहत पेट्रोल बम बनाने वाले 6 लड़कों की हल्द्वानी पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही है. पुलिस को मिली जानकारी के मुताबिक ये 6 लड़के पेट्रोल बम बनाकर उपद्रवियों को दे रहे थे. इन लड़कों ने बम बनाने के लिए थाने के पासपास खड़ी बाइक्स से पेट्रोल निकाले. मौका ए वारदात पर मौजूद ज़ी मीडिया ने भी पेट्रोल बम वाली साजिश का खुलासा किया था.
एक्शन में प्रशासन
वहीं हिंसा के बाद से ही उत्तराखंड सरकार से लेकर पुलिस प्रशासन एक्शन में है.गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ और इंटेलिजेंस रिपोर्ट में हिंसा में स्थानीय के साथ साथ बाहरी लोगों के शामिल होने का खुलासा हुआ है. दंगाइयों की पहचाने के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाला जा रहा है. ADG (लॉ एंड ऑर्डर) अंशुमन सिंह ने कहा, हिंसा में लोकल्स के साथ बाहर के लोग भी शामिल हो सकते हैं. सीसीटीवी फुटेज की जांच जारी है.
मजिस्ट्रेट जांच के दिए गए आदेश
हल्द्वानी के गुनहगारों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है. हिंसा फैलाने वालों पर एनएसए के तहत कार्रवाई की जा रही है. वहीं राज्य सरकार ने हिंसा की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं. जांच की जिम्मेदारी कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत को दी गई है. उन्हें 15 दिन में रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है. बनभूलपुरा में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है.
पूरे इलाके को 5 सुपर जोन में बांटा गया है, जिसकी निगरानी मजिस्ट्रेट को सौंपी गई है. उन्हें प्रशासन के दिशानिर्देश में काम करने के आदेश दिए गए हैं. इसके अलावा एडीजी लॉ एंड ऑर्डर को हल्द्वानी में कैंप करने और जांच की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है.लेकिन पुलिस के सामने साजिश की कड़ियों का जोड़ने और पेट्रोल बम बनाने वाले 6 लड़कों को सबसे पहले कानून के शिकंजे में लाने की चुनौती है.