दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश की वजह से चांदनी चौक में हटाए गए हनुमान मंदिर को रातोंरात फिर से तैयार कर दिया गया है. मंदिर बनने के बाद से आम आदमी पार्टी और बीजेपी में उसके निर्माण को लेकर श्रेय लेने की जंग चल रही है.
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नई दिल्ली: दिल्ली में चांदनी चौक पुनर्विकास (Chandni Chowk Redevelopment) प्रोजेक्ट के नाम पर 3 जनवरी को ध्वस्त किए गए हनुमान मंदिर (Hanuman Temple) को 19 फरवरी की आधी रात फिर से पुनर्स्थापित कर दिया गया. मन्दिर के पुनर्स्थापन के बाद से वहां पर राजनीतिक पार्टियों के नेताओं का जमावड़ा लग रहा है.
बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बाद चांदनी चौक पुनर्विकास (Chandni Chowk Redevelopment) प्रोजेक्ट की राह में आ रहे हनुमान मंदिर (Hanuman Temple) को 3 जनवरी 2021 को तड़के सुबह साढ़े 5 बजे प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया था. इसके बाद से हिन्दू संगठन लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे. वहीं कई हिन्दू संगठनों ने मन्दिर को वहीं पर पुनर्स्थापित करने की मांग की थी. इसके बाद 19 फरवरी की आधी रात मन्दिर को दोबारा से फिर से वहीं बना दिया गया. मन्दिर को किसने दोबारा से बनाया, इसके बारे में किसी को पता नहीं है. मंदिर के पुजारी का दावा है कि उसे भी इस घटना की जानकारी फोन के जरिए मिली.
खास बात ये है कि पिछली बार से इस बार मन्दिर का स्वरूप और जगह थोड़ी अलग है. इस बार मंदिर की दीवार ईंट-पत्थर की नहीं बल्कि स्टील की बनाई गई है और मन्दिर की पुनर्स्थापना पुरानी जगह से 15 मीटर दूर सड़क के बीचों बीच की गई है. जिससे लेन में चलने वाले लोगों को दिक्कत न आए. जब से हनुमान मंदिर की पुनर्स्थापना हुई है, तब से यहां सभी पार्टियों के नेताओं का जमावड़ा लग रहा है. रविवार को नार्थ MCD के मेयर जय प्रकाश हनुमान मंदिर पहुंचे और अपना माथा टेका. जय प्रकाश ने यहां पर भजन कीर्तन भी किया. इससे पहले आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के नेता और MCD प्रभारी दुर्गेश पाठक, दिल्ली बीजेपी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता भी वहां आकर मन्दिर में पूजा अर्चना कर चुके हैं.
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हनुमान मंदिर (Hanuman Temple) की पुनर्स्थापना से सबसे ज्यादा खुशी यहां चांदनी चौक के स्थानीय लोगों को है. स्थानीय लोग जम कर पूजा अर्चना कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि जबसे मंदिर हटा था, तब से कुछ सूना-सूना लग रहा था. अब मन्दिर के पुनर्स्थापन के बाद मन में बहुत ही खुशी है. मंदिर की स्थापना से सब लोग काफी खुश हैं. वहीं यह सवाल अब भी अपनी जगह बरकरार है कि रातोंरात इस मंदिर का निर्माण किसने कर दिया. क्या मंदिर निर्माण करने वालों पर हाई कोर्ट के आदेश की अवमानना के आरोप में कार्रवाई होगी?
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