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नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) की दूसरी लहर का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है और इस बीच वैक्सीन (Vaccine) लगाने का काम तेजी से हो रहा है. हालांकि अभी भी वैक्सीन के साइड इफेक्टस (Side effects of Vaccine) पर लोगों में कई तरह की आशंकाएं हैं और टीका लगवाने से हिचकिचा रहे हैं. ऐसे में वैक्सीन लगवाने के पहले और बाद में क्या करना चाहिए, स्वास्थ्य मंत्रालय ने गाइडलाइन जारी की है.
स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) के अनुसार, कोविड-19 की वैक्सीन लगवाने वाले शख्स से पूछना चाहिए कि क्या उसे कभी किसी वैक्सीन से कोई एलर्जी या रिएक्शन (Side effects of Vaccine) हुआ है. अगर ऐसा पहले हुआ है तो शख्स को एलर्जी स्पेशलिस्ट के पास भेजा जाना चाहिए. स्पेशलिस्ट की सलाह पर ही आगे बढ़ना चाहिए.
मंत्रालय के अनुसार, वैक्सीन निर्माता द्वारा एहतियात के लिए बताई गईं स्वास्थ्य स्थितियों का आकलन किया जाना चाहिए. इसमें प्रेग्नेंसी, कॉम्प्रोमाइज इम्यून सिस्टम और बुजुर्ग व्यक्तियों में कोई गंभीर बीमारी शामिल हैं. इन कंडीशन वाले लोग टीकाकरण के लिए योग्य हैं, लेकिन उन्हें जरूरी जानकारी और परामर्श दी जानी चाहिए.
वैक्सीन लगवाने के बाद कुछ साइड इफेक्ट नजर आते हैं, जिसका मतलब है कि बॉडी में वैक्सीन काम कर रही है. इस साइड इफेक्ट्स में हाथ दर्द, हल्का बुखार, थकान, सरदर्द, मांसपेशियों या ज्वाइंट्स में दर्द शामिल है.
स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) के अनुसार, स्वास्थ्य स्थितियों के आकलन और साइड इफेक्ट की जानकारी देने के बाद वैक्सीन लगाई जा सकती है.
मंत्रालय के अनुसार, वैक्सीनेशन के बाद टीका लगवाने वाले शख्स का 15 मिनट तक आकलन किया जाना चाहिए. वहीं पहले कभी किसी वैक्सीन से एलर्जी वाले शख्स को कोरोना टीका लगाने के बाद 30 मिनट तक आकलन किया जाना चाहिए. इसके अलावा शख्स को इस बात की भी जानकारी दी जानी चाहिए कि आगे को रिएक्शन होने पर वह कहां रिपोर्ट करे.
वैक्सीन लगाने के बाद अगर शख्स को किसी अनपेक्षित या गंभीर रिएक्शन (Reaction) और एलर्जी होने पर तुरंत मेडिकल सुपरवाइजर को बताया जाना चाहिए.
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