Punjab Politics: पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद राजस्व वसूली में जबरदस्त प्रदर्शन किया है. राज्य में पिछले 6 महीने में आबकारी से हुई राजस्व वसूली 9 हजार करोड़ रुपये को पार कर गई है, जो अब तक का रिकॉर्ड है.
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Highlights of Punjab Excise Policy: पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी और कर मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा (Harpal Singh Cheema) ने गुरुवार को कहा कि राज्य का आबकारी राजस्व पहली बार वित्तीय वर्ष के शुरुआती 6 महीनों में 4 हजार करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर गया है. इसके चलते राज्य को 4280 करोड़ रुपए का कुल आबकारी राजस्व एकत्रित हुआ है. चंडीगढ़ में बने पंजाब भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए वित्त मंत्री ने खुलासा किया कि चालू वित्तीय वर्ष के दौरान आबकारी राजस्व में पिछले साल की इसी समय-सीमा के आंकड़ों की अपेक्षा 37.62 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.
सरकार ने शराब माफिया पर कसी नकेल- चीमा
उन्होंने बताया कि साल 2021 और 2022 के दौरान 1 अप्रैल से 12 अक्तूबर तक आबकारी राजस्व वसूली क्रमवार 3110 करोड़ रुपए और 4280 करोड़ रुपये रही. इसके लिए पंजाब के लोग इस बात के लिए बधाई के पात्र हैं कि उन्होंने आम आदमी पार्टी की सरकार को इसके लिए अवसर दिया. इस दौरान चीमा ने शराब माफिया के साथ मिलीभगत के कारण आबकारी नीति (Punjab Excise Policy) में अपेक्षित बदलाव न करने के लिए पहले की राज्य सरकारों पर तीखा हमला भी बोला.
उन्होंने कहा कि बीते 15 वर्षों के दौरान हरेक साल आबकारी वसूली में केवल 7 प्रतिशत की वृद्धि से हिसाब लगाएं तो इन पार्टियों ने शराब माफिया को 22,500 करोड़ रुपये से अधिक का सरकारी खज़़ाना लुटा दिया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार के इरादे इसी बात से स्पष्ट हो जाते हैं कि इसकी तरफ से 9000 करोड़ रुपये का आबकारी कर एकत्र करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जब कि पिछली सरकार का लक्ष्य केवल 6200 करोड़ रुपए का था.
'केंद्र सरकार अफसरों को कर रही तंग'
वित्त मंत्री ने कहा कि शराब माफिया की लॉबी केंद्र सरकार के साथ मिलकर इस पॉलिसी को तोड़ने के लिए पंजाब के अफसरों को तंग कर रही है. लेकिन पंजाब की ईमानदार सरकार मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व और दिल्ली के मुखमंत्री अरविन्द केजरीवाल की क्रांतिकारी सोच के साथ अपने अफसरों के साथ खड़ी है. उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार केंद्र की अलग-अलग एजेंसियों के दबावी हथकंडों के आगे झुकेगी नहीं. उन्होंने कहा कि पंजाब की विरोधी पक्ष की पार्टियां भी इसी शराब माफिया के दबाव के चलते पंजाब सरकार की आबकारी नीति पर सवाल उठा रही हैं. उन्होंने इन पार्टियों को चुनौती दी कि वे जवाब दें कि उनकी सरकारों के समय आबकारी वसूली में अपेक्षित वृद्धि क्यों नहीं हुई थी.
चीमा (Harpal Singh Cheema) ने कहा कि आबकारी नीति 2022-23 ने पंजाब में शराब के कारोबार में एक सराहनीय बदलाव की शुरुआत की है. इस आबकारी नीति के मुख्य उद्देश्य राजस्व को बढ़ाना और उपभोक्ताओं को किफ़ायती व मानक स्तर वाली शराब मुहैया करना है. वित्त मंत्री ने कहा कि इस नीति के अंतर्गत नई तकनीकों के जरिए पड़ोसी राज्यों से शराब की तस्करी पर सख्त निगरानी रखने की भी कोशिश की जा रही है.
'निष्पक्ष ढंग से हुआ ठेकों का आवंटन'
उन्होंने पॉलिसी पर बोलते हुए कहा कि शराब के व्यापार की असली संभावना का मुल्यांकन ई-टैंडरिंग के स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से परचून समूहों को अलॉट करके किया गया है. उन्होंने बताया कि यह ठेके लगभग 30 करोड़ के साधारण आकार के समूहों में बनाए गए थे और राज्य में 175 समूहों में कुल 6378 ठेके की ई-नीलामी की गई थी.
हरपाल सिंह चीमा (Harpal Singh Cheema) ने कहा कि ड्यूटी प्रणाली को और उदार बनाया गया है और पंजाब मीडियम लिकर (पी.एम.एल.), आई.एम.एफ.एल., आई.एफ.एल. और बीयर के लिए न्यूनतम परचून बिक्री कीमत को नई आबकारी नीति में शामिल किया गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि पड़ोसी राज्यों के मुकाबले शराब की कम कीमतें और विभाग की ओर से की जा रही सख्ती के कारण पंजाब में शराब की तस्करी में भारी कमी आई है. उन्होंने कहा कि पी.एम.एल और आई.एम.एफ.एल की कीमतें घटने के कारण उपभोक्ता अब तस्करी वाली शराब या लाहन से बनी अवैध शराब से परहेज कर रहे हैं.
'माल्ट स्पिरिट के उत्पादन के लिए नए लाइसेंस'
वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य में रोजग़ार की क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ पूंजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए नीति में नए डिस्टिलरी लाइसेंस और बरूअरी लाइसेंस के लिए उपबंध किए गए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में माल्ट स्पिरिट के उत्पादन के लिए नया लाइसेंस भी शुरू किया गया है. आने वाले महीनों में हरेक परचून ठेके पर पी.ओ.एस मशीनें लगाई जाएंगी, जिससे यह सुनिश्चित बनाया जा सके कि ग्राहकों को शराब की खरीद के लिए रसीद मुहैया करवाई जा सकें.
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