NIA Raid: जल्द PFI पर बैन लगाएगी मोदी सरकार! NIA को मिले पुख्ता सबूत, बस आ रही है ये दिक्कत
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NIA Raid: जल्द PFI पर बैन लगाएगी मोदी सरकार! NIA को मिले पुख्ता सबूत, बस आ रही है ये दिक्कत

Ban PFI: पीएफआई के खिलाफ हाल ही में हुई NIA और ED की छापेमारी में कई खुलासे हुए हैं. कहा जा रहा है कि गृह मंत्रालय जल्द ही PFI पर बैन लगाने की तैयारी में है. इसे लेकर गृह मंत्रालय के अधिकारी पूरी तैयारी कर रहे हैं.

NIA Raid: जल्द PFI पर बैन लगाएगी मोदी सरकार! NIA को मिले पुख्ता सबूत, बस आ रही है ये दिक्कत

Raid On PFI: बीते 22 सितंबर को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कई ठिकानों पर छापेमारी की. इस दौरान PFI से जुड़े 106 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया. इस छापेमारी में कई खुलासे हुए. सूत्रों के मुताबिक जांच एजेंसियों द्वारा जो सबूत इकट्ठा किए गए हैं, उनके आधार पर केंद्रीय गृह मंत्रालय PFI पर बैन लगाने की तैयारी कर रहा है.

PFI के खिलाफ मिले पुख्ता सबूत

हालांकि बैन लगाने के पहले गृह मंत्रालय के अधिकारी पूरी तैयारी कर लेना चाहते हैं, ताकि अगर बैन को चुनौती दी जाए, तो उनका पक्ष कमजोर ना पड़े. गुरुवार को देश के 15 राज्यों में हुई छापेमारी में जांच एजेंसियों को PFI के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के पुख्ता सबूत मिले हैं. इसी को आधार बनाकर जल्द ही इसे बैन के दायरे में लाया जा सकता है.

कार्यवाही के लिए निर्देश जारी

इसी को लेकर छापेमारी के तुरंत बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval) और एनआईए चीफ से मीटिंग भी की थी. इसमें पीएफआई के खिलाफ जुटाए गए तथ्यों की समीक्षा और आगे की कार्यवाही के लिए निर्देश जारी किए गए हैं.

गृह मंत्रालय ले रहा कानूनी सलाह

सूत्रों के मुताबिक, PFI को बैन करने से पहले गृह मंत्रालय कानूनी सलाह भी ले रहा है, ताकि जब इस मामले में संबंधित पक्ष अदालत में जाए तो सरकार की तैयारी पूरी हो. ऐसा इसलिए भी किया जा रहा है, क्योंकि साल 2008 में सिमी पर लगे प्रतिबंध को केंद्र सरकार को हटाना पड़ा था. हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट के जरिए उसे फिर से प्रतिबंधित कर दिया गया. जब भी PFI का नाम किसी मामले में आता है, तो इस बात पर चर्चा जरूरी होती है कि अगर इस पर कई आरोप हैं, तो फिर इस संगठन पर बैन लगाने में इतना वक्त क्यों लग रहा है? आखिर वो कौन सी रुकावटें हैं?

NIA और ED ने अलग-अलग एंगल से की छापेमारी

जानकारी के मुताबिक, अलग-अलग एजेंसियां कई सालों से PFI के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाने में लगी थी. गृह मंत्रालय की तरफ से निर्देश दिए गए थे, कि PFI संगठन की कोई भी कड़ी को ना छोड़ा जाए. NIA की जांच आपराधिक संगठन की गैरकानूनी गतिविधियों पर केंद्रित थी, तो वहीं ED उनके वित्त के स्रोत का पता लगाने में अब पूरी तरह सफल रहा है.

60 करोड़ के संदिग्ध लेन-देन लगा पता

ED से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि जांच में PFI के बैंक खातों में करीब 60 करोड़ के संदिग्ध लेन-देन का पता चला है. यह जानकारी भी मिली है कि PFI को हवाला के जरिए भी रकम पहुंचाई जा रही थी. इसके लिए भारत में पैसे भेजने के लिए खाड़ी देशों में काम करने वाले मजदूरों के बैंक खातों का इस्तेमाल किया जाता था. वहीं NIA ने PFI सदस्यों द्वारा चलाये जा रहे आतंकी शिविर के अलावा 5 अलग अलग दर्ज मामलों में विस्फोटक बनाने से लेकर युवाओं को बरगलाकर ISIS जैसे संगठन में भेजने तक के पुख्ता सबूत इकट्ठा कर लिए हैं.

(इनपुट-आईएएनएस)

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