गणतंत्र दिवस परेड के लिए कैसे होता है झांकियों का चयन? जानें पूरी प्रक्रिया
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गणतंत्र दिवस परेड के लिए कैसे होता है झांकियों का चयन? जानें पूरी प्रक्रिया

इस साल गणतंत्र दिवस परेड में बंगाल, तमिलनाडु और केरल की झांकी के खारिज होने पर सियासत गर्म है. ऐसें में यह समझना बेहद जरूरी है कि झांकियों का चयन कौन करता है और इसकी पूरी प्रक्रिया क्या है.

झांकियों का सिलेक्शन प्रोसेस

नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस परेड में कुछ राज्यों की झांकियों (Tableau Controversy) के खारिज होने पर सियासत शुरू हो चुकी है. पश्चिम बंगाल, तमिलानाडु और केरल की झांकी इस साल यानी 26 जनवरी 2022 में आपको नजर नहीं आएगी. इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आपत्ति भी जताई है. हालांकि, सरकार ने अभी गणतंत्र दिवस की झांकियों की घोषणा नहीं की है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि इस साल परेड में 21 झांकियां आपको देखने को मिलेंगी. तो आइए जानते हैं कि झांकियों का चयन कैसे होता है और उसकी पूरी प्रक्रिया क्या है. 

  1. झांकियों के चयन की प्रक्रिया क्या है
  2. इस साल परेड में शामिल नहीं होगी इन राज्यों की झांकियां
  3. रक्षा मंत्रालय के पास होती है जिम्मेदारी

रक्षा मंत्रालय करता है चयन

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, झांकियों के चयन की पूरी जिम्मेदारी रक्षा मंत्रालय की होती है. आयोजन की सुरक्षा, परेड से लेकर झांकियों आदि तक का मैनेजमेंट भी रक्षा मंत्रालय ही संभालता है. इस दौरान राष्ट्रपति मुख्य अतिथि रहते हैं, वहीं तीनों सेनाओं के प्रमुख भी इस कार्यक्रम में शामिल होते हैं.  इसके साथ ही सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सुझाव मांगे जाते हैं. इसके लिए एक सिलेक्शन कमेटी तैयारी की जाती है, जो राज्यों की झांकियों का चुनाव करती है. इस दौरान सिलेक्शन करने वाली कमेटी में कल्चर, पेंटिंग, संगीत, कृषि, कोरियोग्राफी, कला, साहित्य व अन्य क्षेत्रों के एक्सपर्ट शामिल किए जाते हैं. कई एंगल से रिव्यू करने के बाद कमेटी मेंबर्स द्वारा झांकियों का फाइनल सिलेक्शन होता है.

झांकियों के सिलेक्शन के बाद मंगवाए जाते हैं 3D मॉडल

झांकियों के सिलेक्शन के बाद राज्यों से 3D मॉडल मंगवाए जाते हैं, तय मानकों पर उनकी चर्चा होती है. इस दौरान अगर झांकियों का कोई प्रतिनिधि मीटिंग में शामिल नहीं होता है तो उसकी झांकी खारिज हो जाती है. चर्चा के बाद फाइनल झांकियां परेड ग्राउंड पर प्रदर्शित की जा सकती हैं. 

झांकी के संबंध में तय मानक

बता दें कि रक्षा मंत्रालय के पास झांकियों के चयन की जिम्मेदारी रहती है, लेकिन वह अपनी तरफ से किसी मॉडल बनाने वाली कंपनी का प्रस्ताव नहीं देता है. इसके साथ ही झांकियों के मॉडल पर सिर्फ राज्यों के नाम लिखे जा सकते हैं, इसके अलावा कुछ और नहीं. ये अंग्रेजी या हिंदी में हो सकते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक,  राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों या विभागों/मंत्रालयों की तरफ से डिजाइन के तीन मॉडल पेश किए जाते हैं, जिनमें से फाइनली एक का चयन किया जाता है. झांकी के लिए वाहन (ट्रैक्टर), कलाकार और उनकी वेशभूषा, लोकगीत, संगीत वगैरह की जिम्मेदारी संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश या विभाग/मंत्रालय की जिम्मेदारी होती है.

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