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नई दिल्ली. दुनिया के कई देशों में कोविड-19 वैरिएंट 'ओमिक्रॉन' का कहर जारी है. ऐसे में भारत में भी दो लोगों में ओमिक्रॉन की पुष्टि हुई थी. जिन दो लोगों में वायरस का नया वैरिएंट मिला था, उनमें से एक कोरोना से बिल्कुल ठीक हो गए हैं. ठीक हुए शख्स बेंगलुरु स्थित एनेस्थेसियोलॉजिस्ट डॉक्टर हैं. उनके संपर्क में आए एक अन्य डॉक्टर, उनकी पत्नी और बेटी भी अब ठीक हो रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक, डॉक्टर अब एक हॉस्पिटल में आइसोलेशन और ऑब्जर्वेशन में हैं. उनकी पत्नी और बेटी का भी वहीं इलाज चल रहा है. बता दें कि जिस हॉस्पिटल में वो लोग हैं उसकी एक पूरी मंजिल को ओमिक्रॉन वैरिएंट के संक्रमित और साथ ही संदिग्ध मामलों के इलाज के लिए आरक्षित किया गया है. फिलहाल छह लोगों का इलाज चल रहा है और उन्हें यहां निगरानी में रखा गया है.
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हॉस्पिटल के सूत्रों ने बताया कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए कम से कम 60 बिस्तर रिजर्व हैं. उनकी देखभाल कर रहे कर्मचारियों को सलाह दी गई है कि वे दूसरे वार्ड में न जाएं और न ही हॉस्पिटल के परिसर में घूमें.
इन लोगों का इलाज कर रहे एक सीनियर डॉक्टर ने बताया कि हम सभी दोस्त हैं. ओमिक्रॉन से प्रभावित डॉक्टर का कहना है कि वह बिल्कुल ठीक है. हम एक-दूसरे से बात करते हैं कि वायरस पहले के कोविड संक्रमण की तरह है. डॉक्टर के संपर्क में आए लोग भी बिना किसी सीरियस प्रॉब्लम के ठीक हो रहे हैं. उन्हें सांस लेने में कोई समस्या नहीं हैं और इनका इलाज वैसे ही हो रहा है जैसे कि पहले कोविड पेशेंट का किया जा रहा था.
डॉक्टर ने बताया कि 'ये सिर्फ एक और कोविड स्ट्रेन है. हम सामान्य कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं. हम तैयार हैं. हॉस्पिटल में बुनियादी ढांचे को अपडेट किया गया है. डॉक्टर्स को ट्रेनिंग दी जा रही है और सभी डॉक्टर आईसीयू मैनेजमेंट भी कर सकते हैं. हम पहली और दूसरी की तुलना में कोविड की तीसरी लहर का सामना करने के लिए बेहतर तरीके से तैयार हैं'
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डॉक्टर ने पाया कि ओमिक्रॉन वैरिएंट में सबसे पहले शरीर में तेज दर्द, ठंड लगना और हल्के बुखार के लक्षण दिखाई दिए. उन्हें आज तक सांस लेने में कोई दिक्कत नहीं हुई और ऑक्सीजन का स्तर सामान्य बना रहा. चक्कर आने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सूत्रों ने कहा कि मोनोक्लोनल एंटीबॉडी के साथ इलाज के बाद, वह बिना किसी लक्षण के सामान्य स्थिति में लौट आए.
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