India-Qatar Gas Deal: रिहाई से 46 दिन पहले इन कैदियों को मौत की सजा को अलग अलग अवधि की कारावास सजा में तब्दील किया गया था. ऐसा माना जाता है कि नौसेना के इन पूर्व कर्मियों के खिलाफ जासूसी का आरोप था.
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Qatar-India News: कतर ने जेल में बंद भारतीय नौसेना के उन आठ पूर्व कर्मियों को रिहा कर दिया है जिन्हें कथित रूप से जासूसी के एक मामले में पिछले साल अक्टूबर में मौत की सजा सुनाई गई थी. इनमें से सात भारत लौट आए हैं. रिहाई से 46 दिन पहले उनकी मौत की सजा को अलग अलग अवधि की कारावास सजा में तब्दील किया गया था. ऐसा माना जाता है कि नौसेना के इन पूर्व कर्मियों के खिलाफ जासूसी का आरोप था. हालांकि न तो कतर के प्रशासन और न ही भारतीय अधिकारियों की तरफ से इसको सार्वजनिक किया गया कि इन लोगों के खिलाफ क्या आरोप थे. लेकिन भारत ने अपने कैदियों की रिहाई के लिए क्या किया. कैसे उनको कतर की कैद से छुड़ाया, आइए पूरी टाइमलाइन बताते हैं.
कतर में 8 भारतीयों की गिरफ्तारी 30 अगस्त 2022 में हुई, जो भारत के लिए बड़ा झटका था.
इस गिरफ्तारी की खबर दोहा में भारत के दूतावास को परिजनों के जरिए मिली.
इस मामले पर भारतीय दूतावास की रिपोर्ट विदेश मंत्रालय, प्रधानमंत्री कार्यालय और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सचिवालय तक भी पहुंची. साथ ही रक्षा मंत्रालय और नौसेना मुख्यालय भी एक्टिव हुआ.
कतर के विदेश मंत्रालय के साथ मामले को उठाया गया. वहीं मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पूरे एहतियात से रणनीति बनाई है.
पहली कोशिश थी कि इन भारतीयों को कॉन्सुलर एक्सेस मुहैया कराया जाए. इनमें से जो लोग बीमार हैं उनके लिए दवाओं की सप्लाई सुनिश्चित करवाना था.
हालांकि इस दौरान भारत को कोई बड़ी राहत हासिल नहीं हो सकी. न कतर सरकार ने केस खत्म किया न भारतीयों के लिए रिहाई तो छोड़िए जमानत की कोई गुंजाइश बनी.
अक्टूबर 2023 में कमांडर पूर्णेन्दु तिवारी की बहन डॉ मीतू भार्गव ने सबसे पहले सोशल मीडिया पर इस मामले को उठाया तो विवाद ने तूल पकड़ा.
इस बीच नवंबर 2022 में कतर में भारत के राजदूत दीपक मित्तल को प्रधानमंत्री के निजी सचिव के तौर पर नियुक्त किया गया.
इस बीच कतर में कैद भारतीयों से परिजनों की मुलाकात और नियमित फोन कॉल की रियायत ली गई.
दिसंबर 2022 में दूसरी बार कॉन्सुलर एक्सेस हासिल करने के साथ ही परिजनों के लिए वीजा की व्यवस्था सुनिश्चित की गई ताकि कैद में मौजूद 8 भारतीयों से उनके परिवार वाले मिल सकें.
हालांकि राहत की कोशिशों को झटका लगा जब कतर सरकार ने कैद भारतीयों के लिए कस्टडी को 30 दिन और बढ़ा दिया.
बातचीत की तमाम कोशिशों के बावजूद जनवरी 2023 में 5वीं बार दायर की गई जमानत याचिका खारिज हो गई.
तमाम कोशिशों के बावजूद मार्च 2023 में कतर ने अदालत में 8 भारतीयों के खिलाफ मुकदमा शुरू कर दिया.
अगस्त 2023 में खाड़ी देशों की अच्छी समझ रखने वाले 1998 बैच के IFS अधिकारी विपुल को कतर में राजदूत बनाया गया जो पूर्व में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ भी काम कर चुके हैं.
अक्टूबर 26 2023 में भारत को बड़ा झटका तब लगा जब 8 भारतीयों को कतर की अदालत ने मौत की सजा सुनाई.
इसके बाद युद्धस्तर पर रणनीति बनाई गई, जिसमें हर स्तर पर प्रबंधन के निर्देश प्रधानमंत्री के स्तर से दिए गए. साथ ही कानून और कूटनीति के सभी पहलुओं को टटोला गया.
विदेश मंत्री जयशंकर ने 30 अक्टूबर 2023 को आठों भारतीयों के परिवार वालों से मुलाकात की.
परिजनों को भरोसा दिया गया कि सरकार हर कोशिश करेगी ताकि 8 भारतीयों की वापसी सुनिश्चित हो. लेकिन साथ ही परिवार वालों से कहा गया कि इस मामले में साइलेंट डिप्लोमेसी पर भरोसा रखें और मीडिया के सामने कोई बयान न दें.
सरकार ने जहां एक तरफ कतर में कानूनी मामलों को देख रही कंपनी को बदला. वहीं बदली रणनीति के साथ अदालती फैसले के खिलाफ अपील का रास्ता अपनाया.
साथ ही पर्दे के पीछे इस पूरे मिशन में NSA अजीत डोभाल और भारतीय वार्ताकारों की टीम ने कतर के अमीर के करीबियों से संपर्क किया.
अभी तक के रुख से साफ था कि इस मामले में कतर के अमीर से ही फैसले को पलटने का आदेश हासिल किया जा सकता है.
पर्दे के पीछे कतर के अमीर और पीएम मोदी की सीधी मुलाकात का प्लान बनाया गया और दुबई में 1 दिसंबर 2023 जो जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन बैठक के हाशिए पर अनौपचारिक मीटिंग का मौका भी बनाया गया.
जहां एक तरफ कतर के अमीर और पीएम मोदी की मुलाकात का प्लान बनाया जा रहा था. वहीं भारत में पहले DGGI (GST इंटेलिजेंस निदेशालय) और फिर ED ने कतर एयरवेज को टैक्स मामलों पर नोटिस दिए.
अक्टूबर 2023 में DGGI ने कतर एयरवेज को अप्रैल 2020 से सितंबर 2023 तक 57 हजार करोड़ की टैक्स चोरी का नोटिस दिया था.
इतना ही नहीं, कतर के साथ 78 अरब डॉलर की गैस डील पर भी कवायद आगे बढ़ाई गई. यानी कतर के सामने भारत की संवेदनशीलता का सम्मान करने के फायदे और उसे ठुकराने के नुकसान दोनों के संकेत साफ थे.
कतर में नवंबर 2023 के आखिर में 8 भारतीयों की पुनर्विचार याचिका स्वीकार हुई.
पीएम मोदी और कतर के अमीर की 1 दिसंबर को हुई मुलाकात के बाद 3 दिसंबर को भारतीय राजदूत विपुल को सभी 8 भारतीयों से मिलने की इजाजत मिली.
कतर की उच्च अदालत ने मामले पर 3 सुनवाई के बाद दिसंबर 2023 को दिए फैसले ने बड़ी राहत देते हुए मौत की सजा पर रोक लगा दी.
पर्दे के पीछे साइलेंट डिप्लोमैसी चलती रही और मुलाकातों का दौर चलता रहा. कतर के साथ 78 अरब डॉलर की गैस खरीद डील पर मुहर लग गई.
कूटनीतिक वार्ताओं में इस बात पर सहमति भी बनी कि रिहाई के बाद सभी भारतीय वापस भारत लौट जाएंगे. इस कड़ी में 12 फरवरी की सुबह सुकून का पैगाम लाई और 8 भारतीयों की रिहाई की तस्वीर भी सामने आई.