Mirwaiz Umar Farooq: मीरवाइज ने कहा कि हम यह भी दोहराना चाहेंगे कि हित धारकों के बीच बातचीत जरूरी है ताकि यह रक्तपात बंध हो सके और कश्मीर का कोई पैदावार हाल निकले.
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Hurriyat Leader: हुर्रियत के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने जामिया मस्जिद में जुमे की नमाज के दौरान कहा BRICS शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी के बयान का हुर्रियत समर्थन करता है, जिसमें उन्होंने मौजूदा दौर को बातचीत और कूटनीति का दौर बताया है जंग का नहीं. मीरवाइज ने कहा कि अब समय आ गया है कि जम्मू-कश्मीर में शांति को स्थायी बनाने के लिए बातचीत की पहल की जाए.
मीरवाइज ने कहा कि यह बिल्कुल सही है. हम प्रधानमंत्री मोदी के बयान का समर्थन करते हैं कि आज का दौर जंग का नहीं बात चित है. हम पहले दिन से यही कह रहे हैं जब से हुर्रियत बनी है की कश्मीर मसले सियासी हल बंदूक से नहीं बात चीत से होगा. इस रुख के कारण विभिन्न तत्वों द्वारा हम निशाना भी बनाये गए, तब भी हम अपने सिद्धांत पर अड़े रहे कि बातचीत के अलावा कोई विकल्प नहीं है.
उन्होंने कहा कि 1993 में जब हुरियत बनी तो उग्रवाद का चरम काल था. लेकिन, हमारे गठबंधन का उद्देश्य बातचीत के लिए प्रयास करना था, ताकि रक्तपात को रोका जा सके और लोगों की जान बचाई जा सके. हमने वाजपेयी साहब और मनमोहन सिंह जी से मुशर्रफ साहब से बात की ताकि कोई हल निकल सके. हम आज भी उसी रुख पर कायम हैं. हम हमेशा नई दिल्ली में मौजूदा सरकार के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं ताकि कश्मीर मसले का कोई सियासी हाल निकल सके.
मीरवाइज़ ने कहा कि कश्मीर में इतना रक्तपात हो चुका है कि इसे जारी रहने नहीं दिया जा सकता. आज तीस साल हो गए मगर रक्तपात थमने का नाम नहीं ले रहा है. उन्होंने कहा कि हाल ही में गंदेरबल के गगनगीर में बेगुनाह लोग मारे गए हम ने पूरी तरह से निंदनीय है, क्योंकि इसमें निर्दोष लोगों की जान गई है. मीरवाइज ने कहा, "इसी तरह, हमने कल गुलमर्ग में एक उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र में घातक हमला देखा है जहाँ इंसानी जाने जाया हुई. यह चिंताजनक है. इसकी जांच होनी चाहिए.