हुर्रियत कांफ्रेंस के नरमपंथी धड़े के नेता मीरवाइज उमर फारूक ने कश्मीरी छात्रों के पथराव का बचाव करते हुए कहा कि उनके प्रति व्यवस्था के ‘विरोधी और शत्रुतापूर्ण’ रवैये के खिलाफ यह नाराजगी जाहिर करने का तरीका है. उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर ‘पूर्ण प्रतिबंध’ और शैक्षणिक संस्थानों में छात्र गतिविधियों का अभाव कश्मीर में छात्रों के मौजूदा आंदोलन का कारण है.
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श्रीनगर: हुर्रियत कांफ्रेंस के नरमपंथी धड़े के नेता मीरवाइज उमर फारूक ने कश्मीरी छात्रों के पथराव का बचाव करते हुए कहा कि उनके प्रति व्यवस्था के ‘विरोधी और शत्रुतापूर्ण’ रवैये के खिलाफ यह नाराजगी जाहिर करने का तरीका है. उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर ‘पूर्ण प्रतिबंध’ और शैक्षणिक संस्थानों में छात्र गतिविधियों का अभाव कश्मीर में छात्रों के मौजूदा आंदोलन का कारण है.
अंजुमन नुसरतुल इस्लाम की ओर से श्रीनगर के एक स्कूल में ‘रचनात्मक समाज और छात्रों की भूमिका’ पर गुरुवार (18 मई) को आयोजित संगोष्ठी के दौरान अपने अध्यक्षीय भाषण में हुर्रियत नेता ने कहा कि छात्रों पर ‘कड़े’ प्रतिबंध लगाकर अधिकारियों ने कश्मीर के छात्रों और युवाओं को सड़कों पर उतरने को मजबूर कर दिया.
राज्य में अधिकतर लोग शांति चाहते हैं, महबूबा ने कहा
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने गुरुवार (18 मई) को कहा कि रुपये लेकर घाटी में कानून और शांति भंग करने वाले लोगों से निपटना चाहिए. उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘आपको वास्तव में सूबे में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने की इच्छा रखने वालों और घाटी को जलाने का व्यवसाय बना लेने वाले लोगों के बीच के अंतर को समझने की जरूरत है. हम लोगों को दोनों के बीच अंतर करना है.’
उन्होंने कहा कि राज्य में अधिकतर लोग शांति बहाली और विकास एवं प्रगति चाहते हैं. जाधव को लेकर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले पर उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ी राहत की बात है.