भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने कोरोना टेस्टिंग को लेकर एडवाइजरी जारी की है. इसमें लैब पर दबाव कम करने के लिए RT-PCR टेस्ट घटाने और रैपिड एंटीजन टेस्ट बढ़ाने का सुझाव दिया गया है.
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नई दिल्ली: देश में हर रोज बढ़ रहे कोरोना केस के साथ टेस्टिंग भी बढ़ रही है. अब लोग ज्यादा तादात में टेस्ट करा रहे हैं. इससे देश भर की लैब पर भी दबाव बढ़ता जा रहा है. ऐसे हालात को देखते हुए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने कोरोना टेस्टिंग को लेकर एडवाइजरी जारी की है. इसमें लैब पर दबाव कम करने के लिए RT-PCR टेस्ट घटाने और रैपिड एंटीजन टेस्ट बढ़ाने का सुझाव दिया गया है.
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ICMR ने कहा है कि जिन लोगों का रैपिड एंटीजन टेस्ट (RAT) या RT-PCR टेस्ट पॉजिटिव आ चुका है, उन्हें दोबारा RAT या RT-PCR टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है.
जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि देश में तेजी से बढ़ रहे संक्रमितों के कारण कोरोना जांच करने वाली लैब बेहद दबाव में काम कर रही हैं. ऐसे में बढ़ते कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जांच के लक्ष्य को पूरा करने में कठिनाई हो रही है. वहीं, प्रयोगशालाओं का कुछ स्टाफ भी संक्रमित है.
क्या है ICMR की एडवाइजरी?
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रैपिड टेस्ट पर ICMR ने कहा
आईसीएमआर ने अपनी नई एडवाइजरी में कहा है कि रैपिड एंटीजन टेस्ट को कोरोना टेस्ट के लिए जून 2020 में अपनाया गया था. मौजूदा दौर में यह कंटेनमेंट जोन और कुछ हेल्थ सेंटर पर ही सीमित है. इस टेस्ट का फायदा यह है कि इससे 15 से 20 मिनट में ही कोरोना का पता चल जाता है. ऐसे में मरीज को जल्द ठीक होने में भी मदद मिलती है.
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