Court On Porn Rule: कोर्ट ने कहा है कि किसी भी प्रकार की चाइल्ड पोर्नोग्राफी को सहन नहीं किया जाएगा और इस अपराध के दोषियों को 3 से 7 साल तक की सजा हो सकती है. भारत समेत कई देशों में चाइल्ड पोर्नोग्राफी के खिलाफ कड़े कानून हैं.
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Rule Of Porn Video: पोर्न वीडियो देखने वालों के लिए यह खबर महत्वपूर्ण हो सकती है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े एक अहम और सख्त फैसला सुनाया है. यदि आप अपने फोन में या किसी लिंक के जरिए चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखते हैं, तो आपको जेल की सजा हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना या इसे संग्रहीत करना पॉक्सो (POCSO) और आईटी कानून के तहत गंभीर अपराध है.
दायर याचिकाओं की सुनवाई
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने हाल ही में मद्रास हाईकोर्ट के एक पुराने फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं की सुनवाई करते हुए यह महत्वपूर्ण निर्णय दिया. कोर्ट ने कहा है कि किसी भी प्रकार की चाइल्ड पोर्नोग्राफी को सहन नहीं किया जाएगा और इस अपराध के दोषियों को 3 से 7 साल तक की सजा हो सकती है.
इसे फैलाना एक गंभीर अपराध
पॉक्सो एक्ट की धारा 15 के तहत चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना, अपने डिवाइस में रखना या इसे फैलाना एक गंभीर अपराध है. इसमें यह भी बताया गया है कि अगर कोई अश्लील सामग्री को न हटाए या उसकी जानकारी न दे, तो भी उसे सजा हो सकती है.
सभी कृत्यों को सख्त अपराध माना
असल में मद्रास हाईकोर्ट ने पहले कहा था कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना या रखना अपराध नहीं है, लेकिन इस फैसले को कई एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसे एक 'गंभीर गलती' मानते हुए हाईकोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया और चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े सभी कृत्यों को सख्त अपराध माना.
गौर करने वाली बात यह है कि भारत समेत कई देशों में चाइल्ड पोर्नोग्राफी के खिलाफ कड़े कानून हैं. जबकि सामान्य पोर्नोग्राफी देखना भारत में गैरकानूनी नहीं है, चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना, रखना या साझा करना गंभीर अपराध है. ऐसे मामलों में आईटी अधिनियम के तहत जेल और जुर्माने का प्रावधान है. agency input