Trending Photos
नई दिल्ली. दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में IIM रोहतक की तरफ से दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. इसमें रेडिकलाइजेशन दुनिया के लिए किस तरह से खतरा है इस विषय पर चर्चा की गई. इस कॉन्फ्रेंस में एक दर्जन से ज्यादा देशों के राजदूत और पूर्व राजदूत शामिल हुए.
डरना और श्रीलंका के राजदूत ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि आज दुनिया भर में जिस तरह से कट्टरपंथी ताकतेंं लगातार मजबूत होती जा रही है वो सभी के लिए खतरा है. कुछ साल पहले श्रीलंका में इस्लामिक कट्टरपंथियों ने जो हमले किए थे उनका जिक्र करते हुए श्रीलंकाई राजदूत ने कहा श्री लंका में जो हुआ था भयानक हमला था. कट्टरता पनपती कैसे है हमें इस पर ध्यान देना होगा. नेताओं और राजनीतिक दलों की भी यह जिम्मेदारी है कि वो सबको साथ लेकर चलें ताकि कट्टरपंथी ताकतों को अलगाव फैलाने का कोई मौका ना मिले.
अफगानिस्तान में जिस तरह से तालिबान सत्ता में आई है और जिस तरह से पाकिस्तान और चीन जैसे देशों का समर्थन तालिबान के लिए रहा है उसको लेकर दुनिया भर के विद्वानों ने चिंता जताई. डेनमार्क के राजदूत ने कहा कि कट्टरता एक ऐसी बुराई है जिससे न सिर्फ सामने वाले का नुकसान होता है बल्कि जो देश पालता है यह उसी को खत्म कर देती है.
ये भी पढ़ें: खुले में नमाज को लेकर इस राज्य के CM हुए बेहद सख्त, कही ये बड़ी बात
रेडिकलाइजेशन पर हुए पहले सत्र में चर्चा करते हुए इस्लामिक जानकर और जमायत उलेमा हिंद के नेता मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि जो लोग कहते हैं इस्लाम खतरे में है या जो कहते है हिंदुत्व खतरे में है, ये बाते सिर्फ राजनीतिक मकसद से कही गई बाते हैं. ऐसे लोगों का हमे मुकाबला करना है.
वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने कहा कि हम सबको इस बात को समझना होगा कि कट्टरपंथी विचारधारा दुनिया भर में कैसे जड़े जमा रही हैं. इसके अलावा फ्रांस के राजदूत ने कट्टरपंथ को एक बुरा राक्षस बताया. दो दिवसीय चर्चा में सोशल मीडिया और internet के जरिये परोसी जा रही भड़काऊ सामग्री को रोकना एक बड़ी चुनौती बताया गया.
नेपाल के भारत में पूर्व राजदूत विजय कांत कर्मा ने कहां कि अफगानिस्तान में जिस तरह से तालिबान सत्ता में आया है और जिस तरह से पाकिस्तान की भूमिका रही है उससे भारत और नेपाल दोनों ही प्रभावित हो रहे हैं. विजयकांत ने कहा कि भारत और नेपाल के रिश्ते सदियों पुराने हैं इनमें थोड़ा बहुत उतार-चढ़ाव आता रहता है लेकिन हमारी जड़ें बहुत मजबूत हैं.
ये भी पढ़ें: क्या हट जाएगा राजद्रोह का कानून! किरन रिजिजू ने कही ये बड़ी बात
देश- विदेश के विद्वानों, रणनीतिक जानकारों और डिप्लोमेट्स के मंथन से जो निकलेगा उसको लेकर IIM रोहतक एक वाइट पेपर रेडिकलाइजेशन पर जारी करेगा. जिसमें यह दिखाने की कोशिश होगी कि आखिर दुनिया भर के विद्वान क्या मानते हैं और इसका सामना दुनिया कैसे करें.
LIVE TV