IIT कानपुर के वैज्ञानिकों और हैदराबाद के वैज्ञानिकों ने एप्लाइड दस ससेक्टिबल, अनडिटेक्ड, टेस्टड (पॉजिटिव) ऐंड रिमूव एप्रोच (फॉर्मूला) मॉडल के आधार पर ये अनुमान लगाया है कि मामलों में कमी आने से पहले मध्य मई तक उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 10 लाख तक की बढ़ोतरी हो सकती है.
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नई दिल्ली: दुनिया के कई देश कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी की दूसरी वेव से निपट चुके हैं. वहीं देश में कोरोना की दूसरी लहर का कहर जारी है. अप्रैल के महीने में लगातार रिकार्ड तोड़ नए मरीज मिल रहे हैं. भारत रोजाना के नए मामलों में अमेरिका (US) को पीछे छोड़ चुका है. तो ऐसे में हर कोई जानना चाहता है कि आखिर ये दौर कब थमेगा.
कोविड-19 (Covid-19) को लेकर पूरी दुनिया में स्टडी और रिसर्च जारी है. जिसके तहत एक थ्योरी ये भी है कि पीक पर जाने के बाद स्थिति सामान्य होती है यानी संक्रमण कम होने लगता है. इस बीच देश में देश के वैज्ञानिकों ने अपने गणितीय आंकलन से दूसरी लहर को लेकर एक डरावना आंकड़ा जारी किया है.
दरअसल आईआईटी के वैज्ञानिकों ने अपने गणितीय मॉडल के आधार पर अनुमान लगाया है कि भारत में महामारी की दूसरी लहर 14 से 18 मई के बीच चरम यानी पीक पर होगी. उस दौरान देश में सक्रिय मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 38 से 48 लाख तक पहुंच सकती है. उसके बाद मई के अंत तक मामलों में तेजी से कमी आएगी. वर्ल्डोमीटर की रिपोर्ट के मुताबिक 25 अप्रैल तक देश में 28 लाख से ज्यादा एक्टिव केस हैं. नए पूर्वानुमान में समयसीमा और मामलों की संख्या में सुधार किया गया है.
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आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों और हैदराबाद के वैज्ञानिकों ने एप्लाइड दस ससेक्टिबल, अनडिटेक्ड, टेस्टड (पॉजिटिव) ऐंड रिमूव एप्रोच (फॉर्मूला) मॉडल के आधार पर ये अनुमान लगाया है कि कोरोना के मामलों में कमी आने से पहले मध्य मई तक उपचाराधीन मरीजों की तादाद में 10 लाख की बढ़ोतरी हो सकती है. इसी तरह देश में रोजाना सामने आ रहे नए कोरोना मरीजों के आंकड़े की बात करे तो 4 से 8 मई के बीच ये तादाद 4.4 लाख हो सकती है.
वैज्ञानिकों ने अब तक इस अनुसंधान पत्र को प्रकाशित नहीं किया है और उनका कहना है कि सूत्र मॉडल में कई विशेष पहलू हैं जबकि पूर्व के अध्ययनों में मरीजों को बिना लक्षण और संक्रमण में विभाजित किया गया था. वहीं नए मॉडल में इस तथ्य का भी संज्ञान लिया गया है कि बिना लक्षण वाले मरीजों के एक हिस्से का पता संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की जांच (कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग) या फिर दूसरे नियमों के द्वारा लगाया जा सकता है.
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पिछले हफ्ते, वैज्ञानिकों ने पूर्वानुमान लगाया था कि महामारी 11 से 15 मई के बीच चरम पर पहुंच सकती है और उपचाराधीन मामलों की संख्या 33-35 लाख तक हो सकती है. वहीं मई के अंत तक इसमें तेजी से कमी आएगी.
इस महीने के शुरू में, वैज्ञानिकों ने पूर्वानुमान लगाया था कि देश में 15 अप्रैल तक उपचाराधीन मामलों की संख्या चरम पर होगी, लेकिन यह बात सच साबित नहीं हुई. IIT-कानपुर में कंप्यूटर साइंस एंड टेक्नालजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर मनिंदर अग्रवाल ने कहा, ‘इस बार, मैंने पूर्वानुमान आंकड़े के लिए न्यूनतम और अधिकतम संगणना भी की है. मुझे विश्वास है कि वास्तविक आंकड़ा उल्लिखित न्यूनतम और अधिकतम आंकड़े के बीच होगा.’ वहीं अग्रवाल ने रविवार को उपचाराधीन मामलों और नए मामलों के चरम पर पहुंचने के पूवार्नुमान संबंधी नए आंकड़े ट्विटर पर साझा किए.
Projections for states are in this thread: https://t.co/1jd7XdBGSj
— Manindra Agrawal (@agrawalmanindra) April 25, 2021
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अग्रवाल ने यह भी लिखा कि यह साफ नहीं है कि आखिर अंतिम आंकड़ा क्या होगा. वैज्ञानिकों ने कहा कि ‘सूत्र’ मॉडल में कई विशिष्टताएं हैं. वहीं गौतम मेनन और हरियाणा स्थित अशोका विश्वविद्यालय की उनकी टीम ने एक स्वतंत्र गणना में पूर्वानुमान लगाया था कि कोविड-19 की मौजूदा लहर मध्य अप्रैल से मध्य मई तक के बीच अपने चरम पर पहुंच सकती है.
मेनन ने यह भी आगाह किया कि कोविड-19 से संबंधित इस तरह के पूर्वानुमानों पर केवल अल्पकालिक अवधि यानी कम समय तक ही विश्वास किया जाना चाहिए.
भारत में सोमवार को एक दिन में नए मरीजों का आंकड़ा 3,52,991 था. वहीं सक्रिय मरीजों की तादाद 28.13 लाख थी. इसी तरह बीते चौबीस घंटे के दौरान देश में 2,812 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो गई.
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