मुंबई: कम उम्र में रेप जैसी घिनौनी वारदातों को अंजाम दे रहे नाबालिग, 3 साल के आंकड़ों ने डराया
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मुंबई: कम उम्र में रेप जैसी घिनौनी वारदातों को अंजाम दे रहे नाबालिग, 3 साल के आंकड़ों ने डराया

मुंबई (Mumbai) जैसे महानगर में बलात्कार के मामलों (Rape Cases) में नाबालिग (Teenagers) आरोपियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. इसे देखते हुए सरकार और समाज में चिंता जताई जा रही है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

मुंबई: मुंबई (Mumbai) जैसे महानगर में बलात्कार के मामलों (Rape Cases) में नाबालिग (Teenagers) आरोपियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. इससे पुलिस-प्रशासन में चिंता बढ़ती जा रही है. 

  1. रेप के मामलों में नाबालिग आरोपियों की संख्या बढ़ी 
  2. मुंबई में क्राइम का दिख रहा नया ट्रेंड
  3. रेप केस में कहीं ये वजह तो नहीं

मुंबई पुलिस के आंकड़ो के मुताबिक साल 2019 से 2021 में बलात्कार के मामलों में नाबालिग आरोपियों की संख्या तकरीबन दुगुनी हो गई. शहर में पिछले महीने गोवंडी में गैंगरेप का मामला सामने आया था, जिनमें चार आरोपी पकड़े गए थे. इनमें से दो आरोपी नाबालिग थे. 

रेप के मामलों में नाबालिग आरोपियों की संख्या बढ़ी 

वहीं साल 2013 में हुए मुंबई के चर्चित शक्ति मिल गैंग रेप केस के पांच आरोपियों में से एक नाबालिग था. मुंबई में रेप मामलों (Mumbai Rape Cases) में नाबालिग आरोपियों की संख्या किस कदर बढ़ रही है, इसे समझने के लिए मुंबई पुलिस की तरफ से जारी आंकड़ों पर नज़र डालते हैं.

मुंबई में क्राइम का दिख रहा नया ट्रेंड

मुंबई (Mumbai) में साल 2019 में बलात्कार के कुल 1015 मामले दर्ज हुए थे. इनमें से 57 आरोपी नाबालिग थे. इसी तरह साल 2020 में बलात्कार के कुल मामले 767 दर्ज हुए थे, इनमें से नाबालिग आरोपियों की संख्या 87 थी. चौंकाने वाली बात ये है कि साल 2020 में बलात्कार के मामले कम होने के बावजूद नाबालिग आरोपियों की संख्या बढ़ी है. 

इसी तरह साल 2021 की बात करें तो बलात्कार के कुल मामले (Rape Cases) 888 दर्ज हुए. इनमें से नाबालिग आरोपियों की संख्या बढ़कर 109 हो गई. यहां नाबालिग आरोपियों का मतलब है 12 साल से ज्यादा और 18 साल से कम उम्र के आरोपी.

रेप केस में कहीं ये वजह तो नहीं

सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर क्यों बलात्कार के मामलों (Rape Cases) में नाबालिग आरोपियो की संख्या बढ़ रही है. जानकारों का कहना है कि पिछले कुछ सालों में स्मार्ट फोन और इंटरनेट का चलन काफी बढ़ गया है और बच्चों के पास भी ये आसानी से उपलब्ध है. सोशल मीडिया का क्रेज और इंटरनेट पर आसानी से उपलब्ध पोर्न साम्रगी भी कहीं ना कहीं इसके लिए जिम्मेदार मानी जा रही है. 

जानकारो के मुताबिक इंटरनेट की आसान पहुंच के कारण जहां किशोर कुछ सालों पहले तक पोर्न या adult कंटेंट एक उम्र के बाद देखते थे. वहीं आज उन्हें 10 साल की उम्र के बच्चों के भी ऐसे केसेज आ रहे हैं, जो पोर्न के addict हो गए हैं.

लॉकडाउन में आए इंटरनेट की गिरफ्त में 

एक और बात सामने आई है कि कोरोना काल में लॉकडाउन की वजह से किशोरों का इंटरनेट पर समय बिताना बढ़ गया. इसी वजह से चाहे-अनचाहे वो एडल्ट कंटेंट की तरफ आकर्षित हो गए. आजकल सोशल मीडिया पर फ्रेंड्स बनाना और एक दूसरे को पूरी तरह जाने बिना ही कुछ समय बाद अकेले मिलना भी इस तरह की वारदात को जन्म देता है.

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पुलिस ने शुरू किया काउंसलिंग का अभियान

बलात्कार के मामलों (Rape Cases) में नाबालिग आरोपियों की बढ़ती संख्या जहां पुलिस के लिए चिंता का विषय है, वहीं समाज को भी सोचने की जरूरत है. पुलिस ने नाबालिग आरोपियों की काउंसलिंग के लिए सक्षम अभियान शुरू किया है. लेकिन ये सुविधा रिपीटेड आफेंडर्स को नहीं दी जाती. इसी तरह महिलाओं की सुरक्षा के लिए पुलिस ने निर्भय स्क्वाड बनाए हैं. 

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