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नई दिल्ली: Zee News पर आजादी महोत्सव की विशेष कवरेज के तहत आपको हम सिख रेजिमेंट (Sikh Regiment) से मिला रहे हैं, जो काफी अनोखी रेजिमेंट है और यह इंडियन आर्मी (Indian Army) की सबसे ताकतवर रेजिमेंट में से एक है. इसका इतिहास नामुमकिन को मुमकिन बनाने वाली वीरगाथाओं से भरा है. दुश्मन चाहे कितने ही ताकतवर क्यों ना हो इंडियन आर्मी की सिख रेजिमेंट से जीतना असंभव है.
सिख रेजिमेंट ने अपने पराक्रम से कई बार देश का गर्व बढ़ाया है. दुश्मनों में खौफ पैदा करने वाली 163 साल पुरानी सिख रेजिमेंट (Sikh Regiment) के बारे में दो बातें मशहूर है. पहली बात- काम कितना भी कठीन हो ये ना नहीं कहते हैं और दूसरी बात- ये लक्ष्य को हासिल किए बिना कभी वापस नहीं लौटते हैं.
सिख लाइट इंफेंट्री रेजिमेंट (Sikh Light Infantry Regiment) की स्थापना वर्ष 1941 में हुई थी, लेकिन इनका इतिहास 163 साल पुराना है. उस वक्त इस रेजिमेंट को सिख पायोनियर्स नाम से जाना जाता था और सिख पायोनियर्स से सिख रेजिमेंट बनने की कहानी भी काफी दिलचस्प है. सिख लाइट इंफेंट्री रेजिमेंट सिख पायोनियर्स को अपना पूर्वज मानती है और सिख पायोनियर्स का गठन अंग्रेजों ने साल 1857 में किया था.
साल 1857 में सिख पायोनियर्स की 23वीं और 32वीं बटालियन बनी. इसके बाद 1887 में सिख पायोनियर्स की तीसरी बटालियन का गठन हुआ. वर्ष 1857 से 1932 तक सिख पायोनियर्स ने विश्व में कई लड़ाई लड़ी. 1932 में सिख पायोनियर्स को भंग कर दिया गया. इसके बाद दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अंग्रेजों को ज्यादा सेनाओं की जरूरत पड़ी तब सिख पायोनियर्स के जवानों के साथ साल 1941 में सिख लाइट इंफेंट्री (Sikh Light Infantry) का गठन किया गया.
सिख रेजिमेंट का पराक्रम @ZeeNews पर 75 घंटे की लगातार कवरेज #SikhRegiment #India75OnZee https://t.co/DwlPtxGUNl
— Zee News (@ZeeNews) August 13, 2021
सिख लाइट इंफेंट्री रेजिमेंट (Sikh Light Infantry Regiment) रेजिमेंटल सेंटर उत्तर प्रदेश के फतेहगढ़ में है और यहीं युवाओं को योद्धा बनाने की कला सिखाई जाती है. सिख लाइट इंफेंट्री की 19 रेगुलर बटालियन हैं. सिख लाइट इंफेंट्री की 3 टेरिटोरियल आर्मी और 3 राष्ट्रीय रायफल्स बलाटियन भी हैं.
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