Trending Photos
नई दिल्ली: कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बाद लगाई गई पाबंदियों के खिलाफ अब लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है. फ्रांस में हेल्थ पास के खिलाफ प्रोटेस्ट हो रहे हैं. फ्रांस की सरकार ने पब्लिक प्लेस पर जाने के लिए वैक्सीन सर्टिफिकेट या फिर कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट, इनमें से किसी एक को जरूरी कर दिया है.
इसे हेल्थ पास का नाम दिया गया है और सरकार का कहना है कि कोरोना वायरस ने के लिए हेल्थ पास अनिवार्य है लेकिन वहां की जनता अब कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते-करते थक चुकी है. इसी तरह तुर्की के इस्तानबुल में भी वैक्सीन नहीं लगवाएंगे की दलील के साथ विरोध प्रदर्शन हुए हैं.
तुर्की की सरकार इस बात से परेशान है कि लोग वहां सामूहिक टीकाकरण अभियान में शामिल नहीं हो रहे हैं और वैक्सीन लगवाने को तैयार नहीं हैं. इसी वजह से तुर्की में कोरोना के मामले भी बढ़ते दिख रहे हैं. सरकार ने सभी नागरिकों से महामारी के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होने की अपील की है.
ये भी पढ़ें: डेंगू की जांच के लिए प्राइवेट लैब नहीं वसूल पाएंगी मनमाना चार्ज, ये रेट हुए फिक्स
न्यूयॉर्क में भी इस बात को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं कि जगह-जगह वैक्सीन लगवाने का सुबूत ना मांगा जाए. वैक्सीन लगवाएंगे या ना लगवाएंगे इसे जनता की मर्जी पर छोड़ने की मांग हो रही है. इनके अलावा भी कई ऐसे देश हैं जहां लोग कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे या फिर वैक्सीन लगवाने को तैयार नहीं हैं.
दुनिया के ऐसे हालातों के बीच भारत ने 75 करोड़ वैक्सीन डोज का कीर्तिमान स्थापित कर लिया है जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है. भारत में 10 फीसदी से ज्यादा लोगों यानी तकरीबन 18 करोड़ लोगों को दोनों डोज लग चुकी हैं. जबकि तकरीबन 30% से ज्यादा यानी 56.5 करोड़ से ज्यादा को एक डोज लग चुकी है. इस रिकॉर्ड के लिए WHO की ओर से भी भारत को बधाई दी गई है.
.@WHO congratulates #India for accelerating #COVID19 vaccination @MoHFW_INDIA @mansukhmandviya @PIB_India @ANI pic.twitter.com/ytmPgyyi0p
— WHO South-East Asia (@WHOSEARO) September 13, 2021
केंद्र सरकार के मुताबिक वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके लोगों को कोरोना से 97 फीसदी सुरक्षा मिलती है. छोटे-छोटे बच्चों के माता-पिता भी अब इंतजार में हैं कि बच्चों को भी वैक्सीन मिल जाए तो कोरोना का खतरा टल जाएगा. बच्चों की वैक्सीन के मामले में फिलहाल भारत में जायडस कैडिला की वैक्सीन जायकोव डी को मंजूरी मिली है. ये सितंबर के अंत तक बच्चों को वैक्सीन लगा सकते हैं.
भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को भी जल्द ही 12-18 आयु वर्ग के लिए इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकती है. डॉक्टर्स भी मानते हैं कि पहले बीमार बच्चों को वैक्सीन लगाई जानी चाहिए.
अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा में फिलहाल 12-18 साल के बच्चों को वैक्सीन लगाई जा रही है. भारत ऐसा चौथा देश होगा जो बच्चों को वैक्सीन लगाना शुरू करेगा.