Mission Prarambh: एक नई शुरुआत के प्रतीक के तौर पर इस मिशन को 'प्रारंभ' नाम दिया गया है. विक्रम-एस ने चेन्नई के स्टार्ट-अप स्पेस किड्ज, आंध्र प्रदेश के स्टार्ट-अप एन-स्पेस टेक और आर्मेनियाई स्टार्ट-अप बाजूमक्यू स्पेस रिसर्च लैब के सैटेलाइट्स को लेकर अंतरिक्ष में उड़ान भरी.
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Skyroot Aerospace Rocket Launch: भारत का पहला प्राइवेट रॉकेट 'विक्रम-एस' तीन सैटेलाइट्स को लेकर शुक्रवार को अंतरिक्ष यान से रवाना हुआ. छह मीटर लंबे विक्रम-एस का नाम स्पेस प्रोग्राम के जनक विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है. इसे साढ़े 11 बजे लॉन्च किया गया. विक्रम-एस को स्काईरूट एयरोस्पेस ने विकसित किया है. एक नई शुरुआत के प्रतीक के तौर पर इस मिशन को 'प्रारंभ' नाम दिया गया है. विक्रम-एस ने चेन्नई के स्टार्ट-अप स्पेस किड्ज, आंध्र प्रदेश के स्टार्ट-अप एन-स्पेस टेक और आर्मेनियाई स्टार्ट-अप बाजूमक्यू स्पेस रिसर्च लैब के सैटेलाइट्स को लेकर अंतरिक्ष में उड़ान भरी. इस सफल लॉन्च के बाद इसरो ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट में लिखा, मिशन प्रारंभ सफलतापूर्ण पूर्ण हुआ. स्काईरूट को बधाई, भारत को बधाई.
Mission Prarambh is successfully accomplished.
Congratulations @SkyrootA
Congratulations India! @INSPACeIND pic.twitter.com/PhRF9n5Mh4— ISRO (@isro) November 18, 2022
89.5 Kms peak altitude achieved. Vikram-S rocket meets all flight parameters. It's history in the making for India. Keep watching https://t.co/p2DOuRFiIA#Prarambh #OpeningSpaceForAll
— Skyroot Aerospace (@SkyrootA) November 18, 2022
लॉन्च का यू-ट्यूब लिंक शेयर करते हुए स्काईरूट एयरोस्पेस ने ट्वीट में लिखा, '89.5 किलोमीटर की ऊंचाई को छू लिया है. विक्रम-एस रॉकेट ने फ्लाइट के सारे मानदंड को पूराकिया. यह भारत के लिए इतिहास है. देखते रहिए.' श्रीहरिकोटा में विक्रम-एस की लॉन्चिंग के दौरान केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह मौजूद थे. ट्विटर पर जितेंद्र सिंह ने स्काईरूट एयरोस्पेस की टीम के सदस्यों के साथ एक तस्वीर शेयर की, जिसके कैप्शन में उन्होंने लिखा, 'भारत के पहले प्राइवेट रॉकेट विक्रम-एस के लॉन्च से कुछ देर पहले श्रीहरिकोटा में स्काईरूट एयरोस्पेस की स्टार्टअप टीम के साथ. इसे विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है, जो भारत में स्पेस प्रोग्राम के जनक थे. काउंटडाउन शुरू हुआ.'
स्काईरूट एयरोस्पेस के मुताबिक, इस पर काम साल 2020 में शुरू हुआ था और विक्रम-एस को रिकॉर्ड दो वर्षों में बनाया गया है, जो सॉलिड फ्यूल्ड प्रोपल्शन, कटिंग एज एवियोनिक्स और बाकी कार्बन फाइबर कोर स्ट्रक्चर से लैस है. स्काईरूट एयरोस्पेस ने बताया कि इसका बॉडी मास 545 किलो, लेंथ 6 मीट और डायमीटर 0.375 मीटर है. स्पेस के लिए विक्रम-एस सबसे किफायती और तेज सवारी है.
(इनपुट-PTI)
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