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नई दिल्ली : पाकिस्तान का झूठ बेनकाब करने की तैयारी करते हुए भारत ने उधमपुर हमले के दौरान पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मन नावेद याकूब और उसके करीबी रिश्तेदारों के फोन नंबर और फोटो समेत ढेर सारे ठोस सबूत इकट्ठा किए है और उम्मीद है कि वह उसके आधार पर पाकिस्तान से जांच करने की मांग कर सकता है।
भारत द्वारा तैयार 39 पन्नों के डोजियर में 24 पन्ने नावेद एवं उसके रिश्तेदारों के मकानों तथा तीन आतंकवादी शिविरों के गुगल मानचित्र अवस्थितियों पर केंद्रित हैं। इन शिविरों में नावेद ने मई, 2015 तक आतंकवादी प्रशिक्षण लिया था। सूचनाओं में नावेद द्वारा उपयोग में लाए गए जोंग सेवा प्रदाता के मोबाइल नंबर, उसके करीबी रिश्तेदारों एवं उसके दोस्तों के नाम एवं उनके फोन नंबर तथा उसके बड़े भाई मोहम्मद नदीम द्वारा इस्तेमाल की गयी एक लाल मोटरसाइकिल की तस्वीरें हैं।
डोजियर में नावेद के माता-पिता और तीन भाई-बहनों के नाम एवं फोन नंबर के अलावा उसके तीन चाचाओं के नाम एवं पते हैं। उसमें उसके 27 चचेरे, ममेरे, फुफेरे भाई बहनों तथा चार करीबी दोस्तों-तनवीर, अफरीदी, कासिम और शाहद के नाम एवं पते भी हैं।
भारतीय एजेंसियों को नावेद के कुछ पारिवारिक सदस्यों की तस्वीरें हासिल करने के सिलसिले में उसके रिश्तेदार तहीर का फेसबुक एकाउंट भी पता चला है । उसमें कोठा शाह भलोल में उसके मामा मोहम्मद अली के घर के समीप का साइनबोर्ड भी है। बताया जाता है कि सुरक्षा एजेंसियों ने अपने स्रोतों के माध्यम से इन तस्वीरों को हासिल किया है और उनका दावा है कि उनकी पहचान नावेद ने की है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इन ब्योरों को अनुरोध पत्र के माध्यम से पाकिस्तान से साझा किया जाएगा तथा उससे उसके यहां इस मामले की आगे की जांच करने का आग्रह किया जाएगा।
अनुरोध पत्र न्यायिक सहायता के लिए विदेशी अदालत में किया गया औपचारिक अनुरोध होता है जिसमें विदेशी जमीन पर सबूतों की रिकार्डिंग भी शामिल होता है। ये सभी सूचनाएं डोजियर में है जिसे भारत पाकिस्तान के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की वार्ता के दौरान सौंपा जाना था लेकिन यह वार्ता ही रद्द हो गयी। पाकिस्तान के इस दावे को कि नावेद उसके राष्ट्रीय डाटाबेस में नहीं है, खारिज करते हुए भारत का डोजियर कहता है कि पाकस्तान के नेशनल डाटाबेस एडं रजिस्ट्रेशन ऑथोरिटी ने 2014 में नावेद को पहचान पत्र जारी किया था।
डोजियर उल्लेख करता है, ‘नावेद यह कार्ड खो जाने का दावा करता है। ’ डोजियर में फैसलाबाद की रफीक कॉलोनी में उसके परिवार और उसके तीन पड़ोसियों के बारे में ब्योरा है।