देश के 4 राज्यों में कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट (Delta Plus Variant) के करीब 40 मामले सामने आ चुके हैं जिससे नया खतरा पैदा हो रहा है. इनमें सबसे ज्यादा 21 मामले महाराष्ट्र में आए हैं लेकिन अब तमिलनाडु भी इस वैरिएंट की चपेट में आ चुका है.
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नई दिल्ली: देश में कोरोना की दूसरी लहर (Covid-19 Second Wave) के बीच कोरोना का नया वैरिएंट डेल्टा प्लस अब अपने पैरा पसार रहा है. देश के 4 राज्यों में कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट (Delta Plus Variant) के करीब 40 मामले सामने आ चुके हैं जिससे नया खतरा पैदा हो रहा है. इनमें सबसे ज्यादा 21 मामले महाराष्ट्र में आए हैं लेकिन अब तमिलनाडु भी इस वैरिएंट की चपेट में आ चुका है.
महाराष्ट्र के 21 मामलों को मिलाकर मंगलवार तक डेल्टा प्लस वैरिएंट के करीब 25 मामले दर्ज हुए थे जिनमें केरल और मध्य प्रदेश के मामले भी शामिल थे. अब इस लिस्ट में तमिलनाडु का नाम भी जुड़ चुका है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने सरकार के सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है.
The Delta Plus variant observed sporadically in Maharashtra, Kerala & MP, with around 40 cases identified so far and no significant increase in prevalence. These States advised for strengthening surveillance, public health measures: Government of India pic.twitter.com/kE6jweEIZD
— ANI (@ANI) June 23, 2021
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को कहा कि भारत उन दस देशों में से एक है, जहां अब तक डेल्टा प्लस वैरिएंट मिला है. उन्होंने कहा कि 80 देशों में डेल्टा वैरिएंट दस्तक हो चुका है. वहीं कोरोना का डेल्टा प्लस वैरिएंट भारत के अलावा, अमेरिका, ब्रिटेन, पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड, जापान, पोलैंड, नेपाल, चीन और रूस में मिला है.
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि मोटे तौर पर, दोनों भारतीय टीके - कोविशील्ड और कोवैक्सीन - डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी हैं, लेकिन वे किस हद तक और किस अनुपात में एंटीबॉडी बना पाते हैं, इसकी जानकारी बहुत जल्द साझा की जाएगी. उन्होंने कहा कि अभी इस वैरिएंट का असर संख्या के लिहाज से काफी छोटा दिखता है और हम नहीं चाहते कि इसमें बढ़ोतरी आए.
महाराष्ट्र के रत्नागिरी, जलगांव और मुंबई में इस वैरिएंट के मामले सामने आ चुके हैं. वहीं केरल के दो जिले- पलक्कड़ और पथनमथिट्टा में डेल्टा प्लस वैरिएंट की एंट्री हो चुकी है. इसके अलावा मध्य प्रदेश के भोपाल में इस वैरिएंट का पहला केस सामने आया था.