China Pakistan News: CPEC को लेकर चीन की इस हरकत पर भड़का भारत, विदेश मंत्रालय ने दिया तगड़ा जवाब
Advertisement
trendingNow11274533

China Pakistan News: CPEC को लेकर चीन की इस हरकत पर भड़का भारत, विदेश मंत्रालय ने दिया तगड़ा जवाब

China Pakistan Corridor: CPEC के काम को पूरा करने के लिए चीन ने तीसरे देशों से आर्थिक मदद की अपील की थी. चीन ने दूसरे देशों को इसका न्यौता देते हुए कहा कि ये आपसी सहयोग का एक खुला एवं समावेशी मंच है. 

China Pakistan News: CPEC को लेकर चीन की इस हरकत पर भड़का भारत, विदेश मंत्रालय ने दिया तगड़ा जवाब

India Slams Pakistan China: चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) के काम को पूरा करने के लिए चीन ने तीसरे देशों से आर्थिक मदद की अपील की. चीन ने दूसरे देशों को इसका न्यौता देते हुए कहा कि ये आपसी सहयोग का एक खुला एवं समावेशी मंच है. CPEC में तीसरे देशों को शामिल करने पर भारत ने प्रतिक्रिया दी है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने चीन और पाकिस्तान को कड़े शब्दों में जवाब दिया है.

  1. CPEC पूरा करने के लिए चीन-पाक को चाहिए आर्थिक मदद
  2. भारत के विदेश मंत्रालय ने चीन के कदम पर दी प्रतिक्रिया

उन्होंने मंगलवार को कहा कि "स्वाभाविक रूप से अवैध परियोजना" सीधे भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करती है. अरिंदम बागची ने कहा कि भारत "तथाकथित सीपीईसी" का भी कड़ा विरोध करता है जो वर्तमान में पाकिस्तान के कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र में है. 

अरिंदम बागची ने कहा, ‘‘हमने तथाकथित सीपीईसी परियोजनाओं में अन्य देशों की प्रस्तावित भागीदारी को प्रोत्साहित किए जाने की खबरें देखी हैं. किसी भी पक्ष का इस प्रकार का कोई भी कदम भारत की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सीधा उल्लंघन है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस प्रकार की गतिविधियां स्वाभाविक रूप से अवैध, अनुचित एवं अस्वीकार्य है और भारत तदनुसार व्यवहार करेगा.’’

CPEC क्या है? 

सीपीईसी 62 अरब डॉलर की परियोजना है. ये चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य 2013 में शुरू किए गए पाकिस्तान में सड़कों और रेलवे का एक विशाल नेटवर्क बनाना है. गलियारा अरब सागर पर पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को उत्तर पश्चिमी चीन के झिंजियांग उइगुर स्वायत्त क्षेत्र में काशगर से जोड़ेगा. हालांकि, पाकिस्तान में गंभीर आर्थिक संकट के सामने आने के साथ, पश्चिमी विशेषज्ञों ने संकेत दिया है कि सीपीईसी एक "ऋण जाल" है जो पाकिस्तान को कोई महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक लाभ प्रदान नहीं करेगा. 

क्यों तीसरे देश को शामिल करने की हो रही बात?

कोरोना महामारी और रियल एस्टेट क्राइसिस ने चीन की अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचाई है. पाकिस्तान की हालत भी दयनीय हो गई है. बदले हालात में 65 बिलियन डॉलर के इस प्रोजेक्ट का काम अटक गया है. ऐसे में चीन ने तीसरे देशों से आर्थिक मदद की अपील की है. 

ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news