DNA: इंडिया टू अमेरिका...'डंकी रूट' का पूरा MAP, भारत में 'DUNKI बिजनेस' का DNA टेस्ट
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DNA: इंडिया टू अमेरिका...'डंकी रूट' का पूरा MAP, भारत में 'DUNKI बिजनेस' का DNA टेस्ट

DNA Analysis: शाहरुख खान की मच अवेटेड फिल्म डंकी का डंका हर ओर बज रहा है. फिल्म, भारतीय युवाओं की एक ऐसी चाहत पर आधारित है, जो भारत की एक बड़ी समस्या बन गई है. हमारे देश में ऐसे बहुत से युवा है जो विदेशों में जाकर बसना चाहते है.

DNA: इंडिया टू अमेरिका...'डंकी रूट' का पूरा MAP, भारत में 'DUNKI बिजनेस' का DNA टेस्ट

DNA Analysis: शाहरुख खान की मच अवेटेड फिल्म डंकी का डंका हर ओर बज रहा है. फिल्म, भारतीय युवाओं की एक ऐसी चाहत पर आधारित है, जो भारत की एक बड़ी समस्या बन गई है. हमारे देश में ऐसे बहुत से युवा है जो विदेशों में जाकर बसना चाहते है. विदेश में नौकरी करना चाहते हैं. विदेश जाकर नई जिंदगी की शुरूआत करना चाहते हैं. इसके लिए वो अपना घर बार तक बेचने को तैयार हो जाते हैं. विदेश वाले सपने को पूरा करने के लिए युवा हर रिस्क उठाने को तैयार हो जाते हैं. शाहरूख खान की फिल्म डंकी में भी उन युवाओं की कहानी दिखाई गई है जिन्हें विदेश में जाकर बसने का नशा है.

फ्रांस ने 4 दिन तक रोक रखी प्लेन

लेकिन ये सिर्फ फिल्मी बात थी. अब हम सच्ची घटना पर आधारित ऐसी ही एक घटना का विश्लेषण करेंगे. फ्रांस ने पिछले 4 दिन से एक प्लेन को रोक रखा था. फ्लाइट को मानव तस्करी के आरोप में रोका गया था. आज सुबह ये फ्लाइट मुंबई में उतरीं, इसमें 276 पैसेंजर सवार थे. इनमें से ज्यादातर भारतीय नागरिक हैं. इस फ्लाइट में 303 पैसेंजर सफर कर रहे थे. आज जब ये लोग मुंबई में लैंड हुए तो मीडिया ने इनसे बात करने की कोशिश की. लेकिन मीडिया का कैमरा ऑन होते ही कोई भागने लगा. कोई मुंह छिपाता नजर आया तो किसी ने मीडिया का माइक देखकर रास्ता ही बदल लिया.

एयरक्राफ्ट को कब्जे में ले लिया

जो लोग मुंबई पहुंचे हैं, वो ज्यादातर पंजाब, गुजरात और दक्षिण भारत के बताए जा रहे हैं. अब हम आपको इसकी पूरी क्रोनोलॉजी समझाते हैं. 21 दिसंबर को रोमानिया की चार्टर कंपनी के एक प्लेन ने दुबई से निकारागुआ के लिए उड़ान भरी थी. 23 दिसंबर को इस प्लेन का फ्रांस के वैट्री एयरपोर्ट पर फ्यूल और टेक्निकल मेंटेनेंस के लिए उतरना पहले से तय था. लैंडिंग के कुछ देर बाद ही फ्रांस पुलिस की कई गाड़ियां एयपोर्ट पर पहुंची और एयरक्राफ्ट को कब्जे में ले लिया. फ्रांस पुलिस को सूचना मिली थी कि A340 एयरक्राफ्ट में मौजूद लोगों की तस्करी हो रही थी. इसके बाद फ्रांस की एंटी ऑर्गनाइज्ड क्राइम यूनिट को इस मामले की जांच सौंपी गई थी. फ्रांस ने मानव तस्करी के शक में प्लेन में मौजूद 2 लोगों को अलग से हिरासत में भी लिया और इनसे कड़ाई से पूछताछ की गई.

सभी यात्रियों से पूछताछ

फ्लाइट में बैठे सभी यात्रियों से पूछताछ करने के लिए वैट्री एयरपोर्ट पर ही वेटिंग एरिया में इन सभी लोगों को रखा गया और एयरपोर्ट पर ही अस्थायी अदालत भी लगी. चार फ्रांसीसी न्यायाधीशों के सामने हिरासत में लिए गए यात्रियों से पूछताछ हुई. चूंकि इस मामले में फ्रांस पुलिस को मानव तस्करी की सूचना मिली थी, इसलिए फ्रांस ने इस पूरी प्रक्रिया का पालन किया था. फ्रांस में किसी भी विदेशी नागरिक को 4 दिन से ज्यादा हिरासत में नहीं रखा जा सकता. इसके लिए जज से परमिशन लेनी होती है, जो हिरासत को 8 दिन बढ़ा सकते हैं. 24 दिसंबर को फ्रांस की एक कोर्ट के 4 जजों ने क्रिसमस की छुट्टियों में भी काम करते हुए हिरासत में रखे गए यात्रियों से पूछताछ की. पूछताछ के बाद विमान को रवाना होने के आदेश दिए थे. हालाकि कुछ भारतीयों ने वापस लौटने से इंकार कर दिया, कई लोगों ने विमान में चढ़ने से भी ही मना कर दिया. जिसकी वजह से फ्लाइट के लौटने में भी देरी हुई. इसके बाद 25 दिसंबर को भारतीयों के प्लेन को उड़ान भरने की इजाजत दी गई.

कई अनसुलझे सवाल

अब सवाल ये है कि जब इन्हें फ्रांस के एयरपोर्ट पर रोका गया, जांच पड़ताल की गई, फिर इन्हें भारत वापस भेजा गया. कुछ गलत नहीं था तो इन्हें आगे की यात्रा क्यों नहीं कर दी गई. ये निकारागुआ जा रहे थे, इन्हें निकारागुआ तक यात्रा करने की इजाजत क्यों नहीं दी गई. सवाल ये भी है कि वापस भारत लौटने के बाद इनसे CISF ने क्यों पूछताछ की. ये वो सवाल है जो शक पैदा कर रहे हैं. लोगों को अवैध रूप से दूसरे देशों में ले जाने के लिए देश में लंबे समय से एक बड़ा Nexus ऑपरेट हो रहा है. जो लाखों रुपये लेकर बिना कागजात के लोगों को अमेरिका, कनाडा या ब्रिटेन जैसे देश में ले जाने का सपना दिखाते हैं. 
वो इस तरह का अवैध रास्ता चुनते हैं. जिसमें कभी फ्लाइट के जरिए, तो कही समुद्री मालवाहक जहाजों के Container में बैठकर, तो कभी दो देशों की सीमाएं पार करने के लिए कार की डिक्की में छिपकर यात्रा करनी पड़ती है. इस तरह के अवैध रास्तों को चुनने में जान का खतरा भी होता है. लेकिन इसके बावजूद लोग इस तरह के रास्ते चुनते हैं.

क्या है डंकी रूट?

यहां आपके दिमाग में ये सवाल भी आ रहा होगा कि अवैध रूप से दूसरे देशों में लोगों को पहुंचाने के इस ROUTE को Donkey Route क्यों कहते हैं. जिस तरह से Donkey अपनी मंजिल तक जाने के लिए यहां-वहां कूदता हुआ, जाता है, ठीक वैसे ही Donkey Route से जा रहे लोगों को उनकी मंजिल तक जाने से पहले, उन्हें कई अन्य देशों में ले जाया जाता है. यानी वो मंजिल तक पहुंचने से पहले एक देश से दूसरे देश फिर तीसरे देश से होते हुए, मंजिल तक पहुंचते हैं. हमने 2 नवंबर को DNA में आपको एक रिपोर्ट दिखाई थी. जिसमें उन लोगों के दर्द की कहानी थी जिनके परिवार का कोई ना कोई सदस्य Donkey Route से अमेरिका, कनाडा या इंग्लैंड गया है. 

विदेश जाकर डॉलर में कमाने की चाहत..

विदेश जाकर डॉलर में कमाने की चाहत, पहले भी लोगों की जान पर भारी पड़ चुकी है. लेकिन इसके बावजूद लोग अपनी जान दांव पर लगाते हैं. आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि भारत से हर वर्ष हजारों लोग अवैध रूप से अमेरिका में घुसने की कोशिश करते हैं. अवैध प्रवासियों की समस्या, अमेरिका और इंग्लैड जैसे देशों में एक बड़ा मुद्दा है. अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 के बीच US CUSTOM & BORDER PROTECTION ने छियानवें हजार 917 भारतीयों को अवैध रूप से अमेरिका में घुसने से रोका. इनमें तिरासी हजार 517 पुरुष थे, जबकि 730 बच्चे. ये बच्चे अभिभावक के बगैर आए थे. कुल छयानवें हजार 917 भारतीयों में से 41 हजार 770 को तो MEXICO के रास्ते अमेरिका की दक्षिणी सीमा में घुसते हुए पकड़ा गया था.

चौंकाने वाला आंकड़ा

करीब 30 हजार लोगों को Canada के रास्ते अमेरिका की उत्तरी सीमा में घुसते वक्त पकड़ा गया. अमेरिका में अवैध रूप से घुसने के लिए Donkey Route के Travel Agent मुख्यतौर पर दो रास्ते अपनाते हैं. पिछले कुछ वर्षों में इन दोनों ही रास्तों से घुसने वालों में भारतीयों की संख्या तेजी से बढ़ी है. अक्टूबर 2019 से सितंबर 2020 तक 19 हजार आठ सौ तिरासी भारतीयों को अवैध रूप से अमेरिका में घुसने से पहले पकड़ा गया था. अक्टूबर 2020 से सितंबर 2021 के बीच ये संख्या बढ़कर 30 हजार छह सौ बासठ हो गई. इसके बाद अक्टूबर 2021 से सितंबर 2022 के बीच ये संख्या बढ़कर 63 हजार नौ सौ बहत्तर हो गई. आपको हैरानी होगी जानकर कि अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 के बीच छियानवें हजार 917 भारतीयों को अवैध रूप से अमेरिका में घुसने से पहले पकड़ा गया था.

युवा हो रहे शिकार

देखा जाए तो अवैध रास्तों से अमेरिका में दाखिल होने वालों में भारतीयों की संख्या पिछले 4 वर्षों के अंदर करीब 4 गुना से ज्यादा बढ़ चुकी है. इस वर्ष केवल सितंबर महीने में ही 8 हजार 706 भारतीयों को अमेरिका में अवैध रूप से घुसते वक्त पकड़ा गया है. इनमें ज्यादातर लोग गुजरात, पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोग हैं. कुछ यही हाल इंग्लैड में अवैध रूप से घुसने वालों का भी है. इंग्लैड, एक island है, इसलिए वहां घुसने के लिए ज्यादातर लोग छोटी नावों का इस्तेमाल करते हैं. या फिर वो लोग France पहुंचकर, English Channel के रास्ते इंग्लैंड में दाखिल होते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस वर्ष इंग्लैड में अवैध रूप से घुसते वक्त पकड़े गए लोगों में भारतीय दूसरे नंबर पर हैं. वर्ष 2020 में 64 भारतीयों को अवैध रूप से इंग्लैड में दाखिल होते हुए पकड़ा गया था. वर्ष 2021 में सड़सठ भारतीयों को अवैध रूप से इंग्लैड में दाखिल होते हुए पकड़ा गया था. वर्ष 2022 में ये आंकड़ा 10 गुना बढ़कर छह सौ तिरासी हो गया था. वर्ष 2023 में जनवरी से अप्रैल तक 675 भारतीयों को अवैध रूप से इंग्लैड में दाखिल होते हुए पकड़ा गया है. हालांकि इंग्लैंड और अमेरिका दोनों में ही भारतीयों के अलावा अन्य कई देशों के लोग भी अवैध रूप से दाखिल होते पकड़े जाते हैं. इनमें पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, वेनेजुएला, सीरिया, ईराक जैसे देशों के नागरिक भी होते हैं. विदेश में जाकर नौकरी करना, पैसा कमाना, अच्छी लाइफ जीना...ये वो नशा है जो युवाओं को बहुत तेज़ी से घेर रहा है...और अपने इस नशे को पूरा करने के लिए लोग हर कीमत चुकाने को तैयार है...ये जानते हुए कि इस में जान जाने का भी खतरा है.

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