Indian Army Desi Howitzers: चीन और पाकिस्तान जैसे दो खतरनाक दुश्मनों से निपटने के लिए भारतीय सेना खामोशी के साथ अपनी रणनीतिक तैयारियां आगे बढ़ा रही है. अब सेना ऐसा हथियार खरीदने जा रही है कि पहाड़ों की लड़ाई में दोनों दुश्मन चीख पड़ेंगे.
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Indian Army preparations against China Pakistan: भारतीय सेना के लिए अब एक बड़ी आर्टिलरी डील को हरी झंडी दे दी गई है. खबरों के मुताबिक इंडियन आर्मी की आर्टिलरी रेजीमेंट के लिए 400 होवित्जर्स यानी लंबी दूरी की तोप खरीदने के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है. ये सभी होवित्जर्स ATAGS यानी ADVANCED TOWED ARTILLERY GUN SYSTEMS की कैटेगरी की होंगी.
भारतीय कंपनी करेगी देसी तोपों का निर्माण
ये होवित्जर्स मेक इन इंडिया के तहत खरीदी जाएंगी यानी इंडियन आर्मी के लिए भारतीय कंपनियां ही इनका निर्माण करेंगी. इन सभी तोपों को बोफोर्स की तर्ज पर बनाया जाएगा यानी ये आर्टिलरी सिस्टम वजन में हल्के होंगे और तेजी से इन्हें तैनात किया जाएगा. ये खासियत बताने के लिए काफी है कि पाकिस्तान के साथ लगती लाइन ऑफ कंट्रोल और चीन के साथ लगती लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर दबदबा बनाने के लिहाज से इन तोपों की खरीद की प्रक्रिया को शुरु किया गया है.
कारगिल युद्ध के बाद तेज हुई थी प्रक्रिया
भारतीय सेना ने इस किस्म के आर्टिलरी सिस्टम की तादाद को बढ़ाने का फैसला करगिल युद्ध के बाद किया था और ये प्रक्रिया अब तक जारी है. कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना के तोपखाने ने ढाई लाख से ज्यादा गोले दागे थे. इनमें से ज्यादातर तो सिर्फ 10-15 दिनों में फायर किए गए थे.
जब युद्ध अपने चरम पर था, तब औसतन हर एक तोप ने लगातार 17 दिनों तक प्रति मिनट एक से ज्यादा गोले फायर किए.
पाकिस्तानी घुसपैठियों की आई थी शामत
कारगिल के दौरान पाकिस्तानी घुसपैठिए चोटियों पर बैठे थे. जिन पर सीधा असॉल्ट मुश्किल काम था. इसी वजह से तोपखाने से फायरिंग कर इन घुसपैठियों को पहले कमजोर किया गया था और फिर खदेड़ दिया गया था. आर्टिलरी सिस्टम की तादाद को बढ़ाने का फैसला भारतीय सेना की ताकत को कई गुना बढ़ा देगा.