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नई दिल्ली: चीन (China) के साथ लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जारी तनाव के बीच भारतीय सेना (Indian Army) खुद को मजबूत बनाने की तैयारी कर रही है. भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख (Ladakh) समेत विभिन्न सीमाओं पर तैनात 40 साल पुराने लड़ाकू वाहनों को बदलने का फैसला किया है और इसके लिए प्रक्रिया भी शुरू हो गई है.
भारतीय सेना (Indian Army) 1750 एफआईसीवी (Futuristic Infantry Combat Vehicles) खरीदेगी और इसके लिए सेना की ओर से शुरुआती टेंडर जारी कर दिया गया है. इंडिया टूडे की रिपोर्ट के अनुसार, 1750 इन्फेंट्री कॉम्बैट व्हीकल में से 55 प्रतिशत वाहनों को भारी बंदूकों से लैस किया जाएगा, जबकि अन्य वाहनों को अलग-अलग परिस्थितियों के लिए विशेषज्ञता के साथ तैयार किया जाएगा.
इसके बाद भारतीय सेना (Indian Army) में शामिल पुराने लड़ाकू वाहन बदल जाएंगे, जो 1980 के दशक में खरीदे गए थे. इनमें से ज्यादातर बीएमपी व्हीकल करीब 40 साल पहले रूस से लिए गए थे. हालांकि बाद में कुछ वाहन आर्डिनेंस फैक्टरियों ने भी बनाकर दिए थे.
सूत्रों के अनुसार सेना के कॉम्बैट व्हीकल का निर्माण देश में ही करने का निर्णय लिया गया है और इसके लिए भारतीय सेना (Indian Army) ने घरेलू निर्माताओं से प्रस्ताव मांगे हैं. हालांकि टेंडर में घरेलू निर्माताओं को छूट दी गई है कि वे निर्माण के लिए विदेशी कंपनियों के साथ साझेदारी कर सकते हैं. सेना के अधिकारियों ने कहा कि भारतीय सेना ने 23 जून को 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' कार्यक्रम के तहत अपने फ्यूचरिस्टिक इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल के लिए सूचना के लिए अनुरोध (RFI) प्रकाशित किया है.
बता दें कि रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) की ओर से इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल की खरीद के लिए साल 2009 में ही मंजूरी मिल गई थी, लेकिन सरकारी दफ्तरों में फाइलों के अटके रहने की वजह से इसमें इतने सालों की देरी हो गई. हालांकि अब लद्दाख में चीन के साथ जारी सैन्य संघर्ष के बाद मौजूदा चुनौतियों को देखते हुए सेना के इस परियोजना में तेजी आने की उम्मीद है.
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