VIDEO: लद्दाख में युद्धाभ्यास, जब बर्फीली नदी को चीरते हुए निकला भारतीय टैंक
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VIDEO: लद्दाख में युद्धाभ्यास, जब बर्फीली नदी को चीरते हुए निकला भारतीय टैंक

भारतीय सेना (Indian Army) ने लद्दाख में हजारों फीट की उंचाई पर अपना ऐसा शौर्य दिखाया है जो कि पाकिस्तान (Pakistan) और चीन (China) दोनों की नींद उड़ा सकता है.

सेना ने टैंक और पैरा कमांडो के साथ इन्फेंट्री ने सुपर हाई एल्टीट्यूड पर खुद को लड़ाई के लिए परखा

नई दिल्ली: भारतीय सेना (Indian Army) ने लद्दाख में हजारों फीट की उंचाई पर अपना ऐसा शौर्य दिखाया है जो कि पाकिस्तान (Pakistan) और चीन (China) दोनों की नींद उड़ा सकता है. आपको बता दें कि लद्दाख (Ladakh) में चीन से लगती हुई सीमा पर भारतीय सेना ने एक बड़ा सैन्य अभ्यास किया है. इस सैन्य अभ्यास (war exercise) में थल सेना के साथ वायुसेना (Air Force) भी शामिल रही. इस सैन्य अभ्यास से हमारी सेना ने पूरी दुनिया तक यह पैगाम पहुंचा दिया है कि भारतीय सेना जमीन से लेकर आसमान तक दुश्मन का जवाब देने के पूरी तरह तैयार है.

पहली बार इस इलाके में हुआ है सैन्य अभ्यास
गौरतलब है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब भारतीय सेना (Indian Army) के जवानों ने इस हिस्से में किसी तरह के सैन्य अभ्यास (war exercise) को अंजाम दिया है. युद्धाभ्यास के दौरान भारतीय सेना के जांबाजों ने जमीन से आसमान तक अपना दमखम दिखाया. युद्ध के लिए सेना की क्या तैयारियां हैं. इसका जायजा युद्धाभ्यास के जरिए लिया गया.

देखें वीडियो

लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने की भीष्म टैंक की सवारी
वीडियो में देखा जा सकता है कि किस तरह वायुसेना (Air Force) के जवान आसमान से छलांग लगा रहे हैं तो वहीं थल सेना के जवान टैंक (tank) के साथ अभ्यास कर रहे हैं. आपको बता दें कि नॉर्दन कमांड के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह (Lt. General Ranbeer Singh) ने सेना के तीनों अंगों के युद्धाभ्यास (war exercise) का जायजा लिया. यही नहीं युद्धाभ्यास के दौरान खुद रणबीर सिंह ने आधुनिक टी-90 भीष्म टैंक (T-90 Bhishma Tank) पर सवारी कर इसकी मारक क्षमता को परखा. यहां आपको यह भी बता दें कि भीष्म टैंक रात के वक्त भी दुश्मन पर सटीक गोलाबारी की क्षमता रखता है.

भीष्म टैंक अपने आप में है खास, खुद करता है जवानों की सुरक्षा
इस टैंक में 125 मिमी स्मूथबोर गन लगी हुई है जो इसे काफी ताकतवर बनाती है. भीष्म टैंक एंटी टैंक मिसाइल (Anti tank missile) भी छोड़ने में सक्षम है. ये टैंक (tank) 100 मीटर से लेकर 4 किलोमीटर की दूरी तक विरोधी टैंक को निशाना बना सकता है. इस टैंक पर खास तरह के विस्फोटक प्लेट लगाए गए हैं. जो भी बम या मिसाइल इस टैंक की प्लेट से टकराता है तो उस बम या मिसाइल की ताकत खत्म हो जाती है, जिससे अंदर बैठे जवान सुरक्षित रहते हैं.

इस एक्सरसाइज का रणनीतिक रूप से है काफी महत्व
आपको बता दें कि सेना ने टैंक और पैरा कमांडो के साथ इन्फेंट्री ने सुपर हाई एल्टीट्यूड पर खुद को लड़ाई के लिए परखा. सेना (Indian Army) ने यहां दिन और रात में लड़ने की अपनी रणनीति का अभ्यास किया. इस अभ्यास में वायुसेना (Air Force) और थल सेना की कई टुकड़ियों के जवान शामिल रहे. चीन के साथ सटे लद्दाख के इस हिस्से के साथ भारतीय सेना के जवानों की इस एक्सरसाइज का रणनीतिक रूप से काफी महत्व है. चीनी सेना लगातार इस हिस्से में घुसपैठ करने की कोशिश करती रही है. कई बार यहां दोनों सेना के जवान आमने-सामने भी हुए हैं. ऐसे में इस बीच भारतीय सेना के जवानों का यह सैन्य अभ्यास चीन (China) को भी सख्त संदेश देता है कि वह सरदह पर हद में रहना सीख ले.

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