Indian Navy: समंदर का सिकंदर! दुनिया के लिए संकटमोचक बनी भारतीय नौसेना, ताकते ही रह गए चीन-पाकिस्तान
Advertisement
trendingNow12091186

Indian Navy: समंदर का सिकंदर! दुनिया के लिए संकटमोचक बनी भारतीय नौसेना, ताकते ही रह गए चीन-पाकिस्तान

Indian Navy Rescue Mission: भारतीय नौसेना ने समुद्री सुरक्षा का बीड़ा उठा लिया है. हूती विद्रोहियों और समुद्री लुटेरों से व्‍यापारिक जहाजों को बचाकर भारत खुद को ग्लोबल नेवल पावर के रूप में स्थापित कर रहा है.

Indian Navy: समंदर का सिकंदर! दुनिया के लिए संकटमोचक बनी भारतीय नौसेना, ताकते ही रह गए चीन-पाकिस्तान

Indian Navy Rescue Mission: हूतियों का हमला हो या समुद्री लुटेरों का आतंक, दुनिया आजकल भारतीय नौसेना का पराक्रम देख रही है. पिछले साल जब इजरायल और हमास के बीच जंग शुरू हुई, तब से समुद्री सुरक्षा खतरे में है. यमन के हूती विद्रोहियों ने हमास के समर्थन में लाल सागर में जहाजों को निशाना बनाना शुरू किया. ग्लोबल ट्रेड का 12% इसी रूट से होकर गुजरता है तो पूरी दुनिया के लिए संकट उपजा. ऐसी स्थिति में भारत ने संकटमोचक के रूप में आगे आकर सब कुछ संभाला. हूतियों को हैंडल करने के लिए नवंबर में तीन गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर और टोही विमान भेजा गया. कई जहाजों को बचाया गया. हिंद महासागर में भी जहाजों को समुद्री लुटेरों से बचाने में भारतीय नौसेना लगातार लगी है. तमाम रेस्‍क्‍यू मिशनों का तस्‍वीरों और वीडियो के जरिए प्रचार भी किया गया. सुरक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि ऐसा कर भारत खुद को 'ग्लोबल पावर' के रूप में प्रजेंट कर रहा है.

ग्लोबल मैरीटाइम सिक्योरिटी में भारत की बढ़ती अहमियत को चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मन देश मन मसोस कर देख रहे हैं. यह उनके लिए संदेश है कि भारत की नौसेना न सिर्फ सक्षम है, बल्कि जिम्‍मेदार भी.

भारतीय नौसेना सुन रही मदद की पुकार

ईरान की शह वाले हूतियों ने लाल सागर में दर्जनों जहाजों को निशाना बनाया है. जवाब में अमेरिका और उसके सहयोगियों ने हूती ठिकानों पर बम बरसाए. भारत ने इस जवाबी कार्रवाई से खुद को दूर रखा लेकिन मदद की गुहार को नजरअंदाज नहीं किया. भारतीय नौसेना ने कम से कम चार जहाजों की मदद की है. इनमें से तीन पर हूती विद्रोहियों ने हमला किया था और एक के लिए अमेरिका ने ईरान को जिम्मेदार ठहराया. हाल के दिनों में नौसेना ने IOR में तमाम एंटी-पाइरेसी मिशन अंजाम दिए हैं.

26 जनवरी को, गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर INS विशाखापट्टनम ने अदन की खाड़ी में एक डिस्‍ट्रेस कॉल को अटेंड किया. किसी मिसाइल की चपेट में आने के बाद आग से लड़ने में मार्शल आइलैंड्स के फ्लैग वाले टैंकर के क्रू की मदद की. लगभग 10 दिन पहले, INS विशाखापत्तनम ने इसी एरिया में एक ड्रोन हमले के बाद अमेरिकी स्वामित्व वाले जेनको पिकार्डी मर्चेंट शिप की डिस्‍ट्रेस कॉल का भी जवाब दिया था.

चीन के चैलेंज से निपटने की तैयारी

मैरीटाइम सिक्योरिटी अब भारत की विदेश नीति का अहम हिस्सा बन रही है तो उसकी वजह चीन है. चीन के साथ न सिर्फ पूर्वी और उत्तरी सीमा को लेकर विवाद है, बल्कि हिंद महासागर में भी ड्रैगन की घुसपैठ बढ़ती जा रही है. जहाजों की बात करें तो चीन के पास दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है, भारत से कोई तीन गुना बड़ी. बांग्लादेश, श्रीलंका और हाल ही में मालदीव को बरगला कर चीन लगातार हिंद महासागर में पैठ मजबूत कर रहा है. उसकी नजर हिंद महासागर में ज्यादा से ज्यादा नेवल बेस बनाने पर है. जाहिर है कि चीन का मुकाबला करने के लिए भारत को भी वही करना होगा.

चीन की चुनौती को देखते हुए भारत और एडवांस्‍ड जहाजों, पनडुब्बियों और विमानों की खरीद में लगा है. तकनीक और इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर में निवेश कई गुना बढ़ा है. भारतीय नौसेना का बजट भी बढ़ाया गया है. कई देशों के साथ युद्धाभ्‍यासों के जरिए भारतीय नौसेना ने रणनीतिक संबंध बेहतर किए हैं. हिंद-प्रशांत में चीन की काट के लिए अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ मिलकर भारत ने QUAD को खड़ा किया है. भारत के लिए दक्षिण चीन सागर में चीन का प्रभुत्व जरूर चिंताजनक है. भारत का करीब 60% कार्गो इस इलाके की शिपिंग लेन्‍स से गुजरता है.

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news