Train Ticket Booking: टीटीई को विभिन्न जोनल में 42300 डिवाइस दी गई हैं. दक्षिण रेलवे, दक्षिण मध्य रेलवे, पश्चिमी रेलवे, दक्षिण पूर्व रेलवे के अलावा उत्तर रेलवे ने टीटीई को यह डिवाइस दी हैं. अभी सिर्फ 4 जोन में ही इस डिवाइस के जरिए ऑनलाइन टिकट के इंतजाम किए गए हैं.
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Indian Railway News: यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए इंडियन रेलवे लगातार काम कर रहा है. होली का त्योहार आने वाला है और ऐसे में लाखों-करोड़ों लोग अपने घर जाने के लिए रेलवे टिकट बुक कराते हैं. महीनों पहले लोग टिकट बुकिंग में लग जाते हैं. लेकिन अचानक से कहीं जाना पड़ जाए तो टिकट बुकिंग नामुमकिन हो जाती है. लेकिन ऑनलाइन टिकट सिस्टम से यात्रियों की मुश्किलें भी दूर होनी शुरू हो गई हैं.
इस डिवाइस से जानें सीट खाली है या नहीं
ट्रेन में जगह खाली है या नहीं, यह रेलवे की हैंड हेल्ड टर्मिनल यानी एचएचटी डिवाइस से मालूम किया जा सकता है. अगर कोई यात्री अपनी टिकट कैंसल करता है तो वह खाली सीट आपको अलॉट हो सकती है. इस डिवाइस के जरिए आपको टीटीई से कॉन्टैक्ट करना पड़ेगा, जिसके बाद यह साफ हो जाएगा कि किस कोच में सीट खाली है. तब यात्री उस सीट को बुक करने के लिए अप्लाई कर सकता है. गौरतलब है कि फिलहाल टीटीई के पास ये अधिकार नहीं है कि वह खुद सीट बुक कर दे. ऑनलाइन बुकिंग के हिसाब से ही इस सिस्टम को रखा गया है.
रेलवे ने टीटीई को दीं डिवाइस
टीटीई को विभिन्न जोनल में 42300 डिवाइस दी गई हैं. दक्षिण रेलवे, दक्षिण मध्य रेलवे, पश्चिमी रेलवे, दक्षिण पूर्व रेलवे के अलावा उत्तर रेलवे ने टीटीई को यह डिवाइस दी हैं. अभी सिर्फ 4 जोन में ही इस डिवाइस के जरिए ऑनलाइन टिकट के इंतजाम किए गए हैं. लेकिन 2024 तक नॉर्दर्न रेलवे, सेंट्रल रेलवे भी पूरी तरह यह डिवाइस यात्रियों की सुविधा के लिए टीटीई को दे देंगे. बता दें कि रेलवे सर्वर से यह डिवाइस कनेक्ट होती है. इससे यात्रियों को ट्रेन में खाली बर्थ की जानकारी आसानी से मिल जाती हैअगले स्टेशन से यात्री सीट बुकिंग करा सकता है. इतना ही नहीं आरएसी से उसी स्टेशन से आवेदन कर सकता है.
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