वक्त के साथ भारतीय रेलवे (Indian Railways) भी तेजी से अपने सिस्टम में बदलाव लाने में जुटी है. इसी कड़ी में अब रेलवे ने एक बहुत बड़ा फैसला लिया है.
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नई दिल्ली: वक्त के साथ भारतीय रेलवे (Indian Railways) भी तेजी से अपने सिस्टम में बदलाव लाने में जुटी है. गुजरात में रेलवे स्टेश पर पहला होटल बनवाने के बाद अब रेलवे देश की पहली हाइड्रोजन फ्यूल (Hydrogen Fuel) आधारित ट्रेन (Train) चलाने की तैयारी कर रही है.
रेलवे के एडीजी राजीव जैन ने कहा कि इस ट्रेन के लिए सोनीपत से जींद के बीच का रूट तय किया गया है. इसी रूट के 89 किलोमीटर के रेलवे ट्रैक पर हाइड्रो फ्यूल (Hydrogen Fuel) से चलने वाली देश की पहली ट्रेन चलेगी. यह शुरुआत अभी ट्रायल के तौर पर होगी. इस ट्रायल के सफल होने के बाद इसे पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा.
भारतीय रेल वैकल्पिक ईंधन संगठन (IROAF) इस रूट पर हाइड्रोजन फ्यूल (Hydrogen Fuel) आधारित ट्रेन चलाने के लिए जरूरी काम पर जुट गया है. एडीजी ने कहा कि ट्रायल सफल रहने के बाद आने वाले दिनों में सभी ट्रेनें (Train) डीजल से नहीं बल्कि हाइड्रोजन से चलेंगी. रेलवे में यह बड़ा क्रांतिकारी बदलाव होगा. इससे रेलवे को न केवल डीजल की बचत होगी बल्कि पर्यावरण के लिहाज से भी हाइड्रो फ्यूल ज्यादा फायदेमंद होगा.
उन्होंने बताया कि अभी तक दुनिया के केवल 2 देशों ने ही हाइड्रो फ्यूल (Hydrogen Fuel) से ट्रेनें चलाने में सफलता प्राप्त की है. ये दो देश जर्मनी और पोलैंड हैं. उन्होंने बताया कि ट्रायल के तौर पर रेलवे अभी दो ईएमयू ट्रेनों (Train) में हाइड्रो फ्यूल इंजन लगाने जा रहा है. इसके साथ ही भारत की पहली हाइड्रोजन फ्यूल सेल आधारित ट्रेन के लिए रेलवे ने निविदाएं आमंत्रित की हैं.
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पेरिस जलवायु समझौता 2015 के अंतर्गत ग्रीन हाउस गैस के उत्सर्जन को कम करने के लिए भारत की ओर यह बड़ी शुरुआत है. रेलवे के मुताबिक इस लक्ष्य की प्राप्ति को चुनौती के रूप में लिया गया है. ऐसा करके रेलवे वर्ष 2030 तक जीरो कार्बन उत्सर्जन मिशन के लक्ष्य को हासिल करना चाहती है. रेलवे का कहना है कि अगले 2 साल में हाइड्रोजन फ्यूल (Hydrogen Fuel) आधारित ट्रेन (Train) दौड़ने लगेगी.
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