India के पहले मानवयुक्त 'Gaganyaan'अभियान को लगा ब्रेक, जानिए क्या है कारण
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India के पहले मानवयुक्त 'Gaganyaan'अभियान को लगा ब्रेक, जानिए क्या है कारण

भारत का पहला मानवयुक्त अभियान ‘गगनयान’ (Gaganyan) पर भी कोविड-19 (Coronavirus) महामारी का असर पड़ गया है. इस महामारी के चलते ISRO के रिसर्च वर्क रूक गए. जिसके चलते अब यह अभियान एक साल की देरी के बाद रवाना होगा.

फाइल फोटो

बेंगलुरु: अंतरिक्ष में मानव को भेजने के भारत के पहले अभियान ‘गगनयान’ (Gaganyaan) में कोविड-19 (Coronavirus) वैश्विक महामारी के प्रतिकूल प्रभाव के कारण एक साल की देरी हो सकती है. भारतीय अंतरिक्ष अअनुसंधान संगठन (ISRO) के अधिकारियों ने यह जानकारी दी है. 

  1. मानव को भेजने से पहले दो खाली रॉकेट भेजेगा भारत
  2. अगले साल के अंत में लॉन्च हो सकता है पहला मिशन
  3. चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण के लिए अभी कोई समयसीमा तय नहीं
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मानव को भेजने से पहले दो खाली रॉकेट भेजेगा भारत
बता दें कि ISRO ने ‘गगनयान’ (Gaganyaan) अभियान में मानव को भेजने से पहले दो मानवरहित मिशनों की लॉन्चिंग की योजना बनाई गई थी. इनमें से पहला मानवरहित मिशन को दिसंबर 2020 और दूसरा मिशन को जून 2021 में भेजने की योजना बनाई गई थी. इसके बाद दिसंबर 2021 में मानव को पहली बार अंतरिक्ष में भेजा जाना था. ISRO के अध्यक्ष के. सिवन (K. Sivan) ने कहा कि कोविड-19 के कारण अब इसमें देरी होगी.

अगले साल के अंत में लॉन्च हो सकता है पहला मिशन
उन्होंने दो प्रस्तावित मानवरिहत मिशनों में से पहले मिशन की संभावित समय-सीमा पर कहा, ‘अब हम अगले साल के अंत में या उसके अगले साल का लक्ष्य रख रहकर चल रहे हैं.’ गगनयान (Gaganyaan) परियोजना का उद्देश्य पृथ्वी की निचली कक्षा में मानव को भेजने की क्षमता दिखाना है, जिसके तहत तीन अंतरिक्ष यात्रियों को कक्षा में भेजा जाएगा.

चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण के लिए अभी कोई समयसीमा तय नहीं
इससे पहले इसरो ने पिछले महीने कहा था कि गगनयान (Gaganyaan) मिशन के लिए जीएसएलवी एमके-तीन प्रक्षेपण वाहन को चिह्नित किया गया है. सिवन (K. Sivan) ने कहा कि ‘गगनयान’ के साथ ही चंद्रयान-3 मिशन पर भी काम जारी है. उनमें से एक ‘लैंडर’ और एक ‘रोवर’ होगा. फिलहाल चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण के लिए अभी कोई समयसीमा तय नहीं की गई है. ’

प्रस्तावित शुक्रयान मिशन पर भी काम जारी
सिवन (K. Sivan) ने कहा कि,'प्रस्तावित शुक्रयान मिशन पर भी काम जारी है. इसके लिए फ्रांस के प्रस्ताव सहित अंतरिक्ष-आधारित 20 प्रायोगिक प्रस्तावों का चयन किया गया है. ISRO सूत्रों ने बताया कि इसमें रूस, फ्रांस, स्वीडन और जर्मनी का ‘‘सहयोगात्मक योगदान’’ भी शामिल है. 

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वर्ष 2024 या 2026 में प्रक्षेपित हो सकता है शुक्रयान 
सिवन (K. Sivan) ने कहा कि इससे पहले जून 2023 में शुक्र ग्रह पर देश का प्रथम मिशन भेजने की योजना थी. जिसे अब नए सिरे से आगे बढ़ाने की तैयारी चल रही है. अब इस मिशन को 2024 या 2026 में प्रक्षेपित किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि मिशन को प्रक्षेपित करने का बेहतरीन अवसर हर 19 महीने में आता है, जब शुक्र ग्रह पृथ्वी के सबसे निकट होता है. (इनपुट भाषा)

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