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नई दिल्ली: कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave) आने की आशंका के बीच सवाल उठ रहा है कि क्या अब देश में दूसरी लहर (Second Covid-19 Wave) खत्म हो चुकी है. कोरोना की संक्रमण दर (Positivity Rate) लगातार कम हो रही है और बीते करीब 15 दिन से ये 5 फीसदी के नीचे रही है. ऐसे में कई राज्यों में धीरे-धीरे अनलॉक की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है. इन सबके बावजूद अब भी एक्सपर्ट दूसरी लहर के खत्म हो जाने की बात खुलकर कहने को तैयार नहीं हैं.
देश में सोमवार को कोरोना के 53,256 मामले (New Covid Cases) आए, जो कि पिछले 88 दिन में सबसे कम हैं और संक्रमण दर भी घटकर 3.83 फीसदी हो गई है. इससे ऐसा लगता है कि कोरोना संकट का मौजूदा दौर खत्म हो चुका है और यह समय पाबंदियां खत्म करने का है. फिर भी एक्सपर्ट सावधानी बरतने की सलाह लगातार दे रहे हैं. कई वैज्ञानिकों का कहना है कि अब भी कुल मामले बहुत ज्यादा हैं, कुछ जिलों में संक्रमण दर पांच प्रतिशत से अधिक है और आंकड़ों की विश्वसनीयता को लेकर भी शक बरकरार है.
शिव नाडर विश्वविद्यालय, दिल्ली-एनसीआर के स्कूल ऑफ नेचुरल साइंसेज के एसोसिएट प्रोफेसर नागा सुरेश वीरप्पू ने कहा, ‘मौजूदा पांच प्रतिशत से कम संक्रमण दर के साथ, भारत में कोरोना की दूसरी लहर जितनी तेजी से आगे बढ़ी थी, उसी तरह अब कमजोर हो चुकी है लेकिन डेल्टा प्लस जैसे संक्रामक वैरिएंट के वजूद में आने से शायद यह खत्म नहीं हुई है.’
कोरोना वायरस का डेल्टा प्लस वैरिएंट (Delta Plus Variant), डेल्टा वैरिएंट या B1.617.2 में बदलाव से बना है. डेल्टा वैरिएंट की सबसे पहले पहचान भारत में हुई और देश में दूसरी लहर के लिए और ब्रिटेन समेत अन्य जगहों पर संक्रमण के प्रसार में इसका अहम रोल रहा है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सिफारिश है कि किसी क्षेत्र को फिर से खोलने से पहले 14 दिन तक संक्रमण दर पांच प्रतिशत या कम होनी चाहिए. पब्लिक पॉलिसी एक्सपर्ट चंद्रकांत लहारिया ने कहा कि मामलों में कमी आ रही है लेकिन कुल मामले अब भी बहुत ज्यादा हैं. उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय स्तर पर संक्रमण दर घट गई है लेकिन कई जिले ऐसे हैं, जहां यह दर पांच प्रतिशत से अधिक है.
उन्होंने कहा कि दूसरी लहर खत्म हो चुकी है, ऐसा कहने के पहले मैं चाहूंगा कि उन सभी क्षेत्रों में संक्रमण दर पांच प्रतिशत नीचे आ जाए, जहां यह दर इससे अधिक है.
वैज्ञानिक गौतम मेनन ने भी लहारिया की बात पर सहमति जताते हुए जिक्र किया कि केरल जैसे कुछ राज्यों में संक्रमण दर पांच प्रतिशत से ज्यादा है. उन्होंने कहा कि यह साफ है कि क्या दूसरे राज्यों की तुलना में बेहतर जांच के कारण ऐसा हो रहा है या वहां हालात में सुधार होना अभी बाकी है. केरल में रविवार को संक्रमण दर 10.84 प्रतिशत थी.
हरियाणा में अशोक विश्वविद्यालय के फिजिक्स और जीव विज्ञान विभागों के प्रोफेसर मेनन ने कहा, ‘किसी लहर की कोई ठोस परिभाषा नहीं है कि यह कब खत्म हो जाएगी लेकिन सावधानी बरतते हुए गतिविधियां शुरू की जा सकती हैं.’ विशेषज्ञों का मानना है कि संक्रमण दर से महत्वपूर्ण सूचना केवल तभी मिल सकती है, जब सभी क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर जांच हो.
वीरप्पू ने कहा कि बिना लक्षण वाले या मामूली लक्षण वाले लोग जांच के लिए आगे नहीं आ रहे. इससे कई मामले सामने ही नहीं आ पाते है. उन्होंने कहा, ‘हमें तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर वैक्सीनेशन कैंपेन को और तेज करने, स्वास्थ्य ढांचे को बेहतर करने, पब्लिक वेलफेयर पॉलिसी को बेहतर करने की जरूरत है.’
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इस बीच एक्सपर्ट देश में कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका पहले ही जता चुके है. उनका मानना है कि यह तीसरी लहर अक्टूबर महीने तक देश में दस्तक दे सकती है. हालांकि इसके असर का अनुमान लगाना अभी बाकी है.