Bird Flu से इंसानों को भी खतरा? डॉक्टरों ने कहा, ‘संक्रमित होने की आशंका कम, लेकिन सावधानी है जरूरी’
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Bird Flu से इंसानों को भी खतरा? डॉक्टरों ने कहा, ‘संक्रमित होने की आशंका कम, लेकिन सावधानी है जरूरी’

डॉक्टरों का कहना है कि वैसे तो बर्ड फ्लू के पक्षियों से इंसानों में फैलने की संभावना कम रहती है, लेकिन यदि कोई व्यक्ति लंबे समय तक संक्रमित पक्षियों के बीच रहता है तो फिर उसे बर्ड फ्लू अपनी चपेट में ले सकता है. इसलिए सावधानी बरतें और पक्षियों के सीधे संपर्क में आने से बचें.

 

 

फोटो: Zee News

नई दिल्ली: कोरोना (Coronavirus) संकट की बीच तेजी से पैर पसार रहे बर्ड फ्लू (Bird Flu) ने चिंता बढ़ा दी है. महाराष्ट्र के बाद दिल्ली (Delhi) में भी इसकी पुष्टि हो चुकी है. इसी के साथ केरल से शुरू हुआ बर्ड फ्लू अब तक 9 राज्यों को अपनी चपेट में ले चुका है. बर्ड फ्लू केरल के अलावा गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में पहुंच चुका है. इन राज्यों में बड़ी संख्या में कौओं के अलावा अन्य पक्षी मरे हैं. इसके बाद संभावित खतरे को देखते हुए अन्य राज्यों के पशु एवं पक्षी विभागों को अलर्ट पर रखा गया है. जितनी तेजी से बर्ड फ्लू अब तक फैला है, उसे देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि अगले कुछ दिनों में दूसरे कई राज्य भी इसकी चपेट में आ सकते हैं.

  1. अब तक कई राज्यों में फैल चुका है बर्ड फ्लू
  2. बड़ी संख्या में कौओं के अलावा अन्य पक्षी मरे हैं
  3. इन्फ्लूएंजा टाइप-ए H5N1 वायरस से फैलता है

कोरोना से ज्यादा है Mortality rate

 

बर्ड फ्लू के संक्रमण की बढ़ती रफ्तार के बीच ये सवाल उत्पन्न हो गए हैं कि क्या Bird Flu इंसानों में भी फैल सकता है. किस तरह की सावधानियां इस खतरे से बचा सकती हैं? यह बीमारी इन्फ्लूएंजा टाइप-ए H5N1 वायरस की वजह से फैलती है. वैज्ञानिकों के मुताबिक ये वायरस पक्षियों से इंसानों में फैल सकता है, लेकिन इसकी संभावना काफी कम होती है. हालांकि, उनका यह भी कहना है कि यदि कोई व्यक्ति लंबे समय तक संक्रमित पक्षियों के बीच रहता है तो फिर उसे बर्ड फ्लू अपनी चपेट में ले सकता है. वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट की मानें तो H5N1 के कारण मृत्यु दर लगभग 60 प्रतिशत है,जो कोरोना वायरस से भी ज्यादा है. इस वजह से लगातार फैलते बर्ड फ्लू ने चिंता बढ़ा दी है.

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Spanish Flu ने मचाई थी तबाही
 

पहली बार इंसानों में H5N1 के संक्रमण की खबर वर्ष 1997 में हॉन्ग कॉन्ग से आई थी. जहां, पोल्ट्री फार्म में काम करने वाला एक शख्स इसकी चपेट में आया था. इसके बाद 1918 में स्पैनिश फ्लू से दुनियाभर में लाखों लोगों की मौत हुई थी. कहा जाता है कि ये संक्रमण पक्षियों से ही फैला था. हमारे लिए राहत की बात ये है कि फिलहाल भारत में बर्ड फ्लू से इंसानों के संक्रमित होने की कोई खबर नहीं है. इसके आमतौर पर एक पक्षी से दूसरे में तेजी से फैलने के मामले ही सामने आए हैं. फिर भी इसके खतरे को कमतर नहीं आंका जा सकता. 

क्या करना चाहिए?
 

डॉक्टरों का कहना है कि H5N1 वायरस के खतरे से बचने के लिए हमें पक्षियों के साथ सीधे संपर्क में आने से बचना चाहिए. डोमेस्टिक पोल्ट्री फार्म के पक्षियों के संक्रमित होने के बाद इंसान के बीच इसके फैलने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता. पक्षियों के मल, लार, नाक-मुंह या आंख से स्राव के माध्यम से भी ये बीमारी इंसानों में फैल सकती है. उनका यह भी कहना है कि दुकान से चिकन खरीदने के बाद उसे धोते वक्त हाथों पर ग्लव्स और मुंह पर मास्क जरूर पहनें. कच्चा मांस या अंडा भी किसी इंसान को संक्रमित कर सकता है. डॉक्टरों के मुताबिक, यदि अच्छी तरह से पकाया जाए तो चिकन और अंडे खाने में खतरा नहीं है.

सबसे पहले 2004 में आया सामने
 

भारत में पहली बार 2004 में बर्ड फ्लू फैला था. तब से लेकर अब तक देश में 24 बार बर्ड फ्लू आ चुका है. आखिरी बार साल 2016 में बर्ड फ्लू से बड़ी संख्या में पक्षियों की मौत दिल्ली, केरल पंजाब और मध्य प्रदेश में हुई थी. देश में अब तक करीब 83 लाख पक्षियों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है. वहीं, महाराष्ट्र (Maharashtra) के परभणी जिले में 900 मुर्गों की मौत के बाद जांच के लिए नमूने भोपाल लैब भेजे गए थे, जहां से आई रिपोर्ट में बर्ड फ्लू (Bird Flu) की पुष्टि हुई है. इसके बाद 1 किलोमीटर के अंतर्गत आने वाले सभी पोल्ट्री फॉर्म में मौजूद मुर्गे-मुर्गियों और अन्य पक्षियों को खत्म करने का फैसला किया गया है.

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