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Indraprastha: प्राचीन भारतीय संस्कृति और इतिहास को पुनर्जीवित करने के अपने प्रयास में Archeological Survey of India (ASI) द्वारा अगले हफ्ते से दिल्ली स्थित पुराने किले की खुदाई का काम शुरू किया जाना है. यह ASI द्वारा भारतीय सांस्कृतिक इतिहास और विरासत को ढूंढने के लिए दिल्ली के पुराने किले में की जाने वाली पांचवी खुदाई यानी Excavation होगा. सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों को ढूंढने और भारतीय इतिहास को पुनर्जीवित करने का जिम्मा इस बार भी ASI के निदेशक (संरक्षण) वसंत स्वर्णकार के पास है जिनके नेतृत्व में वर्ष 2013-14 और 2017-18 में पुराने किले को खुदाई की गई थी.
अगले हफ्ते से खोज शुरू होने से पहले आज से ही ASI ने खुदाई वाली जगह (Excavation Site) को चिन्हित करके साफ सफाई का काम भी शुरू कर दिया है. पूरी साइट का निरीक्षण और साफ सफाई का कार्य खुद पुरातत्वविद वसंत स्वर्णकार के सामने हुआ है और जहाँ खुदाई होनी है उस पूरे एरिया को मार्क भी कर दिया गया है.
पुराने किले में इससे पहले हुए चार Excavation (खुदाई) हुआ है और चारों बार 3 हज़ार वर्ष पुराने टेराकोटा के खिलौने, मिट्टी के बर्तन जिन पर काले रंग की चित्रकारी थी वो मिले थे. क्योंकि ठीक ऐसे ही पुरात्तव अवशेष उन जगहों पर भी मिले थे जो महाभारत की कहानी से जुड़े हुए हैं ऐसे में उस विश्वास को बल मिला था जिसके मुताबिक पुराना किला ही पांडवों की राजधानी इंद्रप्रस्थ थी.
इस बार की खुदाई का काम भी देश के जाने माने पुरातत्वविद वसन्त स्वर्णकार के नेतृत्व में होना है, इससे पहले वर्ष 2017-18 के Excavation में मौर्य काल से जुड़ी कई चीज़े जैसे चूड़ी, सिक्के, पानी के निकास के लिए जरूरी नालियां मिली थी, जिससे यह तो साबित हो गया था कि यहाँ हज़ारो साल पहले लोग आधुनिक व्यवस्था के साथ रहते थे, लेकिन पांडवों की राजधानी "इंद्रप्रस्थ" की खोज के पुख्ता साक्ष्य अधूरे रह गए थे, ऐसे में इस बार उम्मीद जताई जा रही है कि पांडवों की राजधानी " इंद्रप्रस्थ" के दिल्ली स्थित पुराने किले में होने के पुख्ता प्रखर साक्ष्य इस बार खुदाई में जरूर मिल जाएंगे.
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