भारतीय खुफिया एजेंसियों ने इस बात की आशंका जताई है कि रिहा हुए ISKP के आतंकियों को पाकिस्तान की आईएसआई तालिबान से मिले हथियारों के जखीरे को मुहैया करा सकती है. इससे पहले ISKP के आतंकियों का नाम काबुल एयरपोर्ट पर हुए आतंकी हमले में आया था जिसमें 13 अमेरिकी मैरीन ले साथ-साथ बड़ी संख्या में आम लोग मारे गए थे.
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नई दिल्ली: अफगानिस्तान (Afghanistan) की जेलों से रिहा हुए इस्लामिक स्टेट खुरासान (ISKP) के आतंकियों का इस्तेमाल पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी भारत के खिलाफ आतंकी हमले करने के लिए कर सकती है.
जानकारों का कहना है कि ISKP के आतंकियों को पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) भेज सकती है जिनके जरिए जम्मू-कश्मीर या देश के दूसरे हिस्सों में आतंकी हमले कराने की साजिश रची जा सकती है. बताया जा रहा है कि केरल के करीब 25 युवा अफगानिस्तान जाकर ISKP के आतंकी बन गए हैं. जानकारी ये भी मिल रही है कि ISI इन आतंकियों का इस्तेमाल भारत पर हमले कराने के लिए कर सकती है.
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नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की रिपोर्ट से ये भी पता चला है कि ISKP का कमांडर मुंसिब जिसके अफगानिस्तान-पाकिस्तान बॉर्डर पर मौजूद होने की जानकारी मिली है उसके जरिए ISI भारतीय युवकों को रेडिकलाइज कर उन्हें ISKP में शामिल कराने की साजिश रच रही है. मुंशीब सोशल मीडिया पर पिछले कुछ महीनों से काफी सक्रिय है.
एजेंसियों से मिली जानकारी में यह बात सामने आ चुकी है कि तालिबान की मदद करने के लिए पाकिस्तान से जैश और लश्कर के 8000 से भी ज्यादा आतंकी अफगानिस्तान गए थे जो तालिबान के साथ मिलकर अफगानी सुरक्षा बलों पर हमले में शामिल थे. अफगानिस्तान में तालिबान की लड़ाई खत्म होने के बाद अब ये आतंकी हथियारों के साथ वापस पाकिस्तान आते देखे गए हैं. जो आतंकी वापस पाकिस्तान आ रहे हैं उनके पास अफगानी सुरक्षा बलों से छीने गए अमेरिकी हथियार भी हैं.
ISI एक बड़े प्लान के तहत इन सभी आतंकियों को PoK में शिफ्ट करा सकती है. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को इस बात की भी जानकारी मिल रही है कि पीओके में स्थित कुछ आतंकी कैंपों में पश्तून भाषा बोलने वाले आतंकियों की भी मौजूदगी देखी जा रही है जिससे इस बात की आशंका बढ़ गई है कि कहीं इन आतंकियों को लॉन्च पैड पर लाकर और सही मौका देखते हुए जम्मू-कश्मीर में दाखिल ना करा दिया जाए.
सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह ने पिछले दिनों मीडिया से बातचीत करते हुए यह साफ कहा था कि अगर PoK में मौजूद आतंकियों के पास अमेरिकी हथियार आते हैं तो हमें इससे निपटने के लिए पूरी तैयारी करनी होगी और सीआरपीएफ ऐसे खतरों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार भी है.