ISRO Mission: इसरो (ISRO) की नजर कमर्शियल लॉन्च मार्केट पर है. इसरो ने रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल (RLV) का ऑटोनॉमस लैंडिंग टेस्ट कामयाबी के साथ कर लिया है. उम्मीद है कि भविष्य में SpaceX के प्रभुत्व को इसरो खत्म कर सकता है.
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ISRO RLV LEX: अंतरिक्ष (Space) के क्षेत्र में एक और बड़ा कदम बढ़ाते हुए आज सुबह इसरो (ISRO) ने डीआरडीओ (DRDO) और वायु सेना के साथ अपने रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल का ऑटोनॉमस लैंडिंग टेस्ट किया. यह टेस्ट कर्नाटक के चित्रदुर्ग में डीआरडीओ के एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में हुआ. आरएलवी को सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर वायु सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर के जरिए लिफ्ट किया गया. उसके बाद करीब 4.6 किलोमीटर की ऊंचाई से रिलीज किया गया, जिसने कामयाबी के साथ 7 बजकर 40 मिनट पर लैंडिंग की. इसरो ने बताया कि इस दौरान सभी पैरामीटर्स सामान्य रहे.
इसरो को मिली बड़ी सफलता
बता दें कि इसरो एक के बाद एक सफलता के बाद अब ऐसे लॉन्च व्हीकल पर काम कर रहा है जिसे लॉन्च के लिए दोबारा इस्तेमाल किया जा सके. इसे रियूजेबल लॉन्च व्हीकल का नाम दिया गया है. यह अंतरिक्ष यान नासा के स्पेस शटल जैसा दिखता है जिसने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में सबसे बड़े ट्रांसपोर्टर के रूप में काम किया है. इसरो के इस लॉन्च व्हीकल का इस्तेमाल न केवल उपग्रहों बल्कि अंतरिक्ष यात्रियों को भी निकट भविष्य में अंतरिक्ष में लॉन्च करने के लिए किया जा सकता है.
इसरो के RLV की खासियत
भारत का आरएलवी, अंतरिक्ष में कम लागत में मिशन को लॉन्च कर दोबारा इसका इस्तेमाल किया जा सके इस तरह तैयार किया जा रहा है. भविष्य में यह समय के साथ साथ लागत भी कम करेगा. भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने खुद को अरबों डॉलर के उपग्रह प्रक्षेपण बाजार में एक लागत प्रभावी लॉन्च सेवा प्रदाता के रूप में स्थापित किया है और आरएलवी इसे और मजबूत करेगी.
कमर्शियल लॉन्च मार्केट पर है नजर
इसरो ने 2016 में सफलतापूर्वक आरएलवी-आरडी का उड़ान परीक्षण किया था. इसका मुख्य उद्देश्य भारत को लॉन्च बाजार में मजबूती के साथ खड़ा करना है. जिस पर आज ऐलान मस्क के स्पेस एक्स का दबदबा है.
आज विश्व के बड़े-बड़े देश अपने कमर्शियल लॉन्च के लिए भारत की तरफ देखते हैं, जिसमे खुद अमेरिका भी शामिल है. भारत अब तक 300 से ज्यादा कमर्शियल लॉन्च कर चुका है. दोबारा इस्तेमाल किए जाने वाले रियूजेबल लॉन्च व्हीकल के साथ भारत कमर्शियल लॉन्च मार्केट में एक और मुकाम हासिल कर लेगा. आज का टेस्ट इसी बात की गवाही देता है. इसरो भविष्य में SpaceX का प्रभुत्व खत्म कर सकता है.
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