चांद पर लहराया तिरंगा, अब इस 'महामिशन' पर निकलेगा ISRO, जानिए क्यों जरूरी है ये Mission
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चांद पर लहराया तिरंगा, अब इस 'महामिशन' पर निकलेगा ISRO, जानिए क्यों जरूरी है ये Mission

India Gaganyaan Mission: चंद्रयान-3 मिशन के सफल होने के बाद इसरो अपने अगले प्रोजेक्ट के लिए तैयार है. आपको बता दें कि इसरो भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा स्पेस मिशन लॉन्च करने की तैयारी में है जिसे गगनयान नाम दिया गया है. जानिए, यह मिशन भारत के लिए क्यों जरूरी है?

फाइल फोटो

Gaganyaan Mission Launch Date: चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद पूरी दुनिया की नजरें इसरो (ISRO) के अगले मिशन पर टिकी हुई हैं. आपको बता दें कि इसरो अपने महामिशन की तैयारियों में जुट गया है, जिसे गगनयान नाम दिया गया है. गगनयान (Gaganyaan Mission) का ट्रायल मिशन जल्द ही लॉन्च होने वाला है. इस मिशन को तीन चरणों में बांटा गया है. गगनयान के पहले चरण में मानवरहित यान को लॉन्च किया जाएगा. इस दौरान सभी सिस्टम्स की जांच की जाएगी. गगनयान के जरिए भारत स्पेस में इंसानों को भेजने की तैयारी में है. इसरो के इस मिशन में भारतीय नौसेना और कोस्ट गार्ड सदस्यों को शामिल किया गया है.

बेस्ट स्पेस एक्सप्लोरर रोबोट से लैस मिशन

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो साल 2024 के शुरुआती महीनों के अंदर गगनयान से व्योममित्र (Vyommitra) रोबोट को स्पेस में भेजने की तैयारी है. व्योममित्र ह्यूमेनॉयड रोबोट को बतौर महिला के रूप में डिजाइन किया गया है. आपको बता दें कि व्योममित्र को दुनिया की बेस्ट स्पेस एक्सप्लोरर रोबोट के तौर पर जाना जाता है. इसरो ने अपने इस एडवांस रोबो को 24 जनवरी 2020 को दुनिया के सामने पेश किया था. यह स्पेस में जाकर ग्राउंड स्टेशन के वैज्ञानिकों से कम्यूनिकेट करेगी. इसके बाद तीसरे चरण में एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष की सैर पर भेजा जाएगा. भारत की गगनयान में शामिल एस्ट्रोनॉट्स को गगननॉट्स नाम दिया गया है.

रूस में होगी गगननॉट्स की ट्रेनिंग

गगननॉट्स अपनी यात्रा के दौरान 1 से 3 दिन तक स्पेस में रहेंगे. हालांकि, यह स्पेसक्राफ्ट धरती से 400 किलोमीटर की ऊंचाई यानी लोअर अर्थ ऑर्बिट (Lower Earth Orbit.) में होगा. इससे पहले इसरो 7 दिनों के लिए एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस में भेजने की तैयारी (Preparing to send astronauts into space) में था. भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के सबसे बेहतरीन जवानों को इसके लिए चुना गया है और उन्हें रूस भेज कर ट्रेनिंग दी जाएगी.

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