Maharashtra: 'पीएम मोदी और अमित शाह का एजेंट होना बेहतर', जानें सीएम एकनाथ शिंदे ने क्यों दिया ये बयान
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Maharashtra: 'पीएम मोदी और अमित शाह का एजेंट होना बेहतर', जानें सीएम एकनाथ शिंदे ने क्यों दिया ये बयान

Maharashtra Politics: मुंबई के एक कब्रिस्तान में मेमन की कब्र के 'सौंदर्यीकरण' को लेकर उद्धव ठाकरे के शिवसेना खेमे और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है.

Maharashtra: 'पीएम मोदी और अमित शाह का एजेंट होना बेहतर', जानें सीएम एकनाथ शिंदे ने क्यों दिया ये बयान

Maharashtra Politics News: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को अपने विरोधियों पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि याकूब के प्रति सहानुभूति रखने से बेहतर है कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का 'एजेंट' कहा जाए. बता दें कि मेमन को 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट में उसकी भूमिका के लिए 2015 में फांसी दी गई थी. औरंगाबाद के पैठण में एक रैली को संबोधित करते हुए शिंदे ने शिवसेना के उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले धड़े पर हमला किया कि पार्टी के संस्थापक बाल ठाकरे के सपने को पूरा करने वाले लोगों का 'एजेंट' बनना बेहतर है.

मुंबई के एक कब्रिस्तान में मेमन की कब्र के 'सौंदर्यीकरण' को लेकर उद्धव ठाकरे के शिवसेना खेमे और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है. शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट की सहयोगी भाजपा ने दावा किया है कि मेमन की कब्र का 'सौंदर्यीकरण' पूर्ववर्ती ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार (नवंबर 2019-जून 2022) के कार्यकाल के दौरान हुआ था.

उन्होंने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए कि याकूब मेमन की कब्र का सौंदर्यीकरण किसके कार्यकाल में हुआ. आरोप लगाया जा रहा है कि हम पीएम मोदी और अमित शाह के एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं. बालासाहेब ठाकरे के सपने को पूरा करने वालों का एजेंट बनना बेहतर है. याकूब मेमन के एजेंट होने के बजाय अनुच्छेद 370 (जिसने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान किया) को रद्द कर देने वालों के साथ रहना बेहतर है.

शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में छपे लेग का जिक्र करते हुए सीएम शिंदे ने कहा कि यह आरोप लगाया जा रहा है कि बीजेपी मुंबई से मराठियों को खत्म करने के लिए हमारा इस्तेमाल कर रही है. 'सामना', जिसने इसे छापा है, को इस पर एक विश्लेषण भी प्रकाशित करना चाहिए कि मराठी भाषी लोग मुंबई से बाहर क्यों गए. उन्होंने कहा कि शिवसेना ने 2019 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के साथ गठबंधन में वोट मांगा था और यह आत्मनिरीक्षण करने का समय है कि किसने हिंदुत्व की विचारधारा और मतदाताओं को "धोखा" दिया.

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(एजेंसी इनपुट के साथ)

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