Rambhadracharyas health: पद्म विभूषण जगद्गुरु रामभद्राचार्य की शुक्रवार(2 फरवरी) की सुबह तबीयत खराब हो गई. एयर एंबुलेंस से देहरादून ले जाने की तैयारी चल रही है. हाथरस के गांव लाढ़पुर में कर रहे थे रामकथा.
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Rambhadracharyas News: उत्तर प्रदेश के हाथरस में पद्म विभूषण जगद्गुरु रामभद्राचार्य की शुक्रवार(2 फरवरी) की सुबह तबीयत खराब हो गई. ये खबर मिलते ही उन्हें फौरन आगरा के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उनके शिष्य उन्हें देहरादून के एक अनुयायी के हॉस्पिटल में ले जाना चाहते हैं, इसलिए उन्हें एयर एंबुलेंस से देहरादून ले जाने की तैयारी चल रही है. इस घटना पर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है. बता दें कि जगद्गुरु रामभद्राचार्य को देश के दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया जा चुका है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, जगद्गुरु रामभद्राचार्य के सीने में दर्द होने के कारण उन्हें आगरा के पुष्पांजलि अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अस्पताल के अधिकारी ने यह जानकारी दी है. इसपर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामभद्राचार्य के उत्तराधिकारी को फोन करके उनका हालचाल जाना. जगद्गुरु की तबीयत बिगड़ने की सूचना मिलने पर बड़ी संख्या में उनके अनुयायी हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं. दिल्ली गेट स्थित पुष्पांजलि अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी डॉ. राकेश शर्मा ने बताया कि सीने में दर्द की शिकायत करने के बाद उनको यहां लाया गया, और अब उनकी जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि डॉ. नवनीत शर्मा उनका इलाज कर रहे हैं, कुछ जांच हो चुकी हैं जबकि कुछ जांच की रिपोर्ट आनी बाकी है. उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच में छाती में संक्रमण की बात सामने आई है.
क्यों हाथरस में थें रामभद्राचार्य ?
सूत्रों के मुताबिक, रामभद्राचार्य महाराज की चार साल पहले हार्ट बाईपास सर्जरी हो चुकी है, ऐसे में डॉक्टर हर तरह की जांच कर रहे हैं. पुष्पांजलि अस्पताल के संचालक डॉ. वी.डी. अग्रवाल ने बताया कि रामभद्राचार्य महाराज को वायु मार्ग से देहरादून ले जाने की तैयारी भी की जा रही है. अग्रवाल ने ये भी बताया कि हालांकि अभी खतरे की कोई बात नहीं है लेकिन उनके शिष्य उन्हें देहरादून ले जाना चाहते हैं, इसकी तैयारी शुरू कर दी गयी है. अग्रवाल ने बताया कि देहरादून में उनके किसी अनुयायी का अस्पताल है. बता दें कि रामभद्राचार्य महाराज की हाथरस के गांव लाढ़पुर में रामकथा जारी है. ये कथा 25 जनवरी को शुरू हुई थी. इस कथा का शुक्रवार को ही आखिरी दिन था. लेकिन रामभद्राचार्य महाराज की तबीयत खराब होने की वजह से वो रामकथा के समापन में शामिल नहीं हो पाए.
कौन हैं रामभद्राचार्य?
जगद्गुरु रामभद्राचार्य रामायण और भागवत के फेमस कथाकार हैं. भारत के अलग-अलग जिलों में और विदेशों में भी नियमित रूप से इनकी कथा होती रहती है. इनके कथा के कार्यक्रम संस्कार टीवी, सनातन टीवी इत्यादि चैनलों पर भी प्रसारित होते हैं. यहां एक और गौर करने वाली बात है कि नेत्रहीन होने के बाद भी एक बहुत अच्छे कथाकार हैं. 2015 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मविभूषण से सम्मानित किया था.
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