चीन से तनातनी के बीच रूस के विदेश मंत्री से मिले जयशंकर, इन मुद्दों पर हुई चर्चा
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चीन से तनातनी के बीच रूस के विदेश मंत्री से मिले जयशंकर, इन मुद्दों पर हुई चर्चा

मॉस्कोः विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार (9 सितंबर) को कहा कि रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव (Sergey Lavrov) के साथ उनकी मुलाकात शानदार रही. इस दौरान उन्होंने द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों और वैश्विक हालात पर चर्चा की.

(S Jaishankar Twitter)

मॉस्कोः विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार (9 सितंबर) को कहा कि रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव (Sergey Lavrov) के साथ उनकी मुलाकात शानदार रही. इस दौरान उन्होंने द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों और वैश्विक हालात पर चर्चा की. जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिये चार दिवसीय यात्रा पर यहां आए हैं. जयशंकर ने ट्वीट किया, ''इस बार व्यक्तिगत रूप से विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मिलकर खुशी हुई. मुलाकात काफी अच्छी रही जो हमारी विशेष एवं गौरवान्वित रणनीतिक साझेदारी को दर्शाती है''


  1. मास्को में  रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से मिले भारतीय विदेश मंत्री
  2. 8 सितंबर को तेहरान में की थी ईरानी विदेश मंत्री जावेद जरीफ से मुलाकात 
  3. किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान के समकक्षों संग की वैश्विक हालात पर चर्चा 

 

 

 

 

 

इससे पहले जयशंकर ने किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान के अपने समकक्षों के साथ यहां अलग-अलग द्विपक्षीय वार्ता कर इन दोनों मध्य एशियाई देशों के साथ भारत की सामरिक साझेदारी को मजबूत बनाने के तरीकों पर चर्चा की.

वहीं बीते दिन 8 सितंबर को भारतीय विदेश मंत्री तेहरान में ईरानी विदेश मंत्री जावेद जरीफ से मिले थे. इस बात की जानकारी खुद विदेश मंत्री जयशंकर ने ट्विटर पर दी थी. उन्होंने लिखा था, ''तेहरान में एक ठहराव के दौरान ईरानी मंत्री जावेद जरीफ के साथ एक शानदार मीटिंग रही. इस दौरान हमने हमारे द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा की और क्षेत्रीय विकास की समीक्षा भी की. शानदार अतिथि सत्कार के लिए उन्हें आभार.'' 

वहीं जयशंकर के बाद जावेद जरीफ ने भी अपने ट्विटर पर इस मुलाकात का जिक्र किया था. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ''तेहरान में भारत के विदेश मंत्री के साथ बातचीत हुई. इस मीटिंग में हमने द्विपक्षीय संबंधों और व्यापार के विस्तार पर चर्चा की. इसके अलावा भी हमने कई महत्वपूर्ण क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया. हमारे पड़ोसी के साथ हमारी सक्रिय भागीदारी हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.'' चीन से तनातनी के बीच पहले राजनाथ सिंह ने रूस और तेहरान की यात्रा की थी और उनके बाद विदेश मंत्री ने की. यकीनन इस मुलाकातों के कई मायने हो सकते हैं. 

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