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श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में आतंकी लगातार आम लोगों को निशाना बना रहे हैं. पिछले तीन दिनों में आतंकियों ने घाटी में 7 लोगों को निशाना बनाया है. गुरुवार को आतंकियों ने ईदगाह इलाके के एक स्कूल में फायरिंग कर दी. जम्मू-कश्मीर पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक हमले में दो शिक्षकों की मौत हो गई है.
आतंकियों ने श्रीनगर के ईदगाह संगम इलाके में स्थित एक सरकारी स्कूल में दो शिक्षकों की गोली मारकर हत्या कर दी. मृतकों की पहचान सुपिंदर कौर और दीपक चंद के तौर पर हुई है. डीजीपी जम्मू-कश्मीर दिलबाग सिंह ने कहा कि बेगुनाह लोग जो समाज की बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं उन्हें निशाना बनाया गया है. दहशतगर्द बॉर्डर पार से पाकिस्तान के इशारों पर इस तरह की हरकतों को अंजाम दे रहे हैं.
इससे पहले बुधवार को शहर में एक प्रसिद्ध कश्मीरी पंडित चिकित्सा दुकान के मालिक सहित दो नागरिकों की हत्या कर दी गई थी. इससे पहले मंगलवार को तीन लोगों की हत्या कर दी थी.
Two teachers killed in a terrorist attack at a government school in the Iddgah Sangam area of Srinagar: Jammu and Kashmir Police
— ANI (@ANI) October 7, 2021
आंतकियों की तरफ से आम लोगों को टारगेट किए जाने के बीच आज केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने अहम बैठक बुलाई है. बैठक में जम्मू-कश्मीर की आम जनता सुरक्षा के अलावा आतंकियों के खिलाफ चल रहे ऑपरेशन्स को लेकर चर्चा हो सकती है. गृह मंत्रालय में होने वाली बैठक में सीआरपीएफ (CRPF) के डीजी समेत सुरक्षा एजेंसियों के कई अधिकारी शामिल होंगे. इसके अलावा बैठक में आईबी चीफ और अर्धसैनिक बलों के अधिकारी मौजूद होंगे.
बता दें कि कश्मीर घाटी में मंगलवार (5 अक्टूबर) को संदिग्ध आतंकवादियों ने 90 मिनट के भीतर तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इकबाल पार्क क्षेत्र में श्रीनगर की प्रसिद्ध फार्मेसी के मालिक माखनलाल बिंदरू की उनके व्यावसायिक परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी गई. इसके अलावा केंद्रशासित प्रदेश में दो अन्य लोगों की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई, जिनमें से एक बिहार का रहने वाला था और गोलगप्पे-भेलपूरी बेचकर अपनी रोजी-रोटी चलाता था.
आतंकी संगठन 'द रेसिस्टेंस फोर्स' (TRF) ने मंगलवार को हुए इन हमलों की जिम्मेदारी ली, जिसे लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा संगठन माना जाता है. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि हमलावरों ने शाम करीब सात बजे माखनलाल बिंदरू (68) को उस समय नजदीक से गोली मार दी, जब वह अपनी फार्मेसी में थे. उन्होंने कहा कि बिंदरू को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. कश्मीरी पंडित समुदाय से बिंदरू उन कुछ लोगों में शामिल थे, जिन्होंने 1990 के दशक में जम्मू कश्मीर में आतंकवाद शुरू होने के बाद पलायन नहीं किया. वह अपनी पत्नी के साथ यहीं रहे और लगातार अपनी फार्मेसी 'बिंदरू मेडिकेट' को चलाते रहे.
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